🔴 जेल में चिकित्सकीय जांच व परामर्श पर उठ रहे सवाल।
🔴 विचाराधीन कैदी आशीष झा, खाड़ा के चंदन झा हत्याकांड का था अप्राथमिकी आरोपी।
🔴 रविवार को पैतृक गांव खाड़ा में मृतक आशीष का किया गया दाह संस्कार।
न्यूज डेस्क मधेपुरा।
राजद-जदयू की बिहार में चल रही सरकार अपनी पीठ सुशासन हेतु जितनी ठपठपा ले,पर जेल में हो रही मौतें जेल प्रशासन व सरकार की प्रशासनिक नितियों पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।
बात हो रही है मधेपुरा जिला के उदकिशुनगंज मंडल उपकारा में सप्ताह के अंदर दो मौतें की। महज एक सप्ताह के अंदर ही दो कैदी की मौत होना कारा प्रशासन पर सवाल खड़ा कर दिया है। मामला शुक्रवार की बताई जा रही है। उदाकिशुनगंज प्रखंड के खाड़ा गाँव के वार्ड नंबर-8 निवासी आशीष कुमार झा (38 वर्ष) खाड़ा के ही चंदन झा हत्या के मामले में अप्राथमिकी आरोपी व विचाराधीन कैदी के रुप में जेल में था। जेल में बंद आशिष कुमार झा की मौत के बारे में मिल रही जानकारी से देर रात आशीष की अचानक तबीयत खराब हो गई थी। तबीयत खराब होने पर आशीष का जेल में उपचार किया गया पर स्थिति ज्यादा बिगड़ी देख जेल प्रशासन इलाज के लिए आशीष को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उदाकिशुनगंज भेज दिया जहाँ आशीष की मौत हो गई। परिजन के अस्पताल पहूँचने से पहले हीं आशीष की मौत हो चुकी थी और उसे मधेपुरा भेज दिया गया था।
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🔴 आशीष दो दिन पूर्व तक था पूर्ण स्वस्थ :
परिजन का कहना है कि दो दिन पूर्व तक आशीष पूर्ण रुप से स्वस्थ था। आशीष से परिजन की मुलाकात दो दिन पहले मधेपुरा कोर्ट में पेशी के दौरान हुई थी। आशीष की चाची (स्व. वाचसपति झा की पत्नी) सोनी देवी का कहना है की जेलर की मिलीभत से आशीष की हत्या करवाई गई है। मौत के बाद आशीष के शव का पोस्टमाटम करवाया गया। पोस्टमार्टम के बाद रविवार को दिन के लगभग 11 बजे मृतक आशीष का उसके पैतृक आवास खाड़ा में परिजनों द्वारा दाह संस्कार किया गया। अब पोस्टमाटम रिपोर्ट के बाद हीं मौत के कारण का खुलासा हो पाएगा।
🔴 मृतक आशीष के जीवनी पर एक नजर:
मृतक आशीष (उम्र करीब 38 वर्ष) खाड़ा के वार्ड नंबर -8 निवासी स्व.बिनोदानंद झा के तीन पुत्र में सबसे बड़ा था। दूसरा पुत्र विग्नेश अपनी माता विभा देवी व परिवार और बच्चे के साथ जमशेदपुर में तो तीसरा पुत्र गोविंद बेंगलुरु में परिवार के साथ रहते हैं। आशीष के पिता भी करीब दो साल पहले लम्बी बीमारी के कारण स्वर्ग सिधार गए थे। आशीष की गिरफ्तारी खाड़ा गांव स्थित अपने निवास से ही बुधामा ओपी पुलिस / उदाकिशुनगंज पुलिस द्वारा लगभग सात माह पूर्व की गई थी। उस समय आशीष को चंदन झा हत्याकांड का अप्राथमिकी आरोपी बनाया गया था एवं पूर्व के कुछ मामलों में बेल टूट जाने की भी जानकारी मिल रही है। परिजनों द्वारा जिला न्यायालय से बेल रिजेक्ट किए जाने के पश्चात पटना हाईकोर्ट से बेल के लिए फाइल किया था जो अंतिम चरण में ही था। जहां एक तरफ मृतक आशीष का कुछ दिन से सुगर लेवल बढ़ जाने की बात कही जा रही तो कहीं मृत्यु के बाद शरीर का नीला पड़ जाना तो कहीं मृत्यु के बाद नाक से झाग निकलने की बात कही जा रही है। इन सभी शंकाओं का एक समाधान अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट ही है जो सच उजागर कर सकता है।
जेल में यह मौत की चार दिन में दूसरी घटना है। महज कुछ दिन पूर्व प्रेम प्रसंग के आरोप में जेल में बंद सुट्टो मंडल की भी मौत हो गई थी। सुट्टो मंडल के बारे में बताया गया था की जेल में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी । जबकी उसके परिजन के द्वारा भी मारपीट और प्रतारना का आरोप लगाया था। जुलाई माह में भी शराब पीने के मामले में एक कैदी राजेंद्र सहनी की भी मौत हो गई थी और परिजन ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए सड़क जाम किया था।
जेल में लगातार हो रही मौत जेल प्रशासन में हरकंप मचा दिया है और जेल प्रशासन के लिए इसे चुनौती भी। देखना है कि जेल प्रशासन, जिला प्रशासन व बिहार सरकार इस बिषय में आगे क्या-क्या करती है।
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