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मधेपुरा: बीएनएमयू परिसर में लंबित वेतन भुगतान की मांग को लेकर अनिश्चित कालीन धरने पर डटे, एक कर्मी जनेश्वरी यादव की हृदय गति रुकने से हुई मौत,

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बिहार न्यूज़ लाइव मधेपुरा डेस्क: मधेपुरा: बीएनएमयू परिसर में लंबित वेतन भुगतान की मांग को लेकर अनिश्चित कालीन धरने पर डटे, एक कर्मी जनेश्वरी यादव की हृदय गति रुकने से हुई मौत,बीएनएमयू में छाई मातमी सन्नाटा,विश्वविद्यालय छोड़कर फरार हुए कुलसचिव और कुलपति.

 

मधेपुरा के बीएनएमयू में अपनी लंबित वेतन भुगतान की मांग को लेकर पिछले 20 दिनो से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे विश्वविद्यालय मुख्यालय के एक कर्मचारी जनेश्वरी यादव की हृदय गति रुकने से हुई मौत,मौत के बाद विश्वविद्यालय में छाई मातमी सन्नाटा,प्रशासनिक विभाग छोड़ भागे अधिकारी और कुलसचिव व कुलपति.बता दें कि पिछले 20 दिनों से 86 कर्मचारियों के अनिश्चित कालीन हड़ताल की वजह से विश्विद्यालय में सभी आवश्यक कार्य बाधित है .

 

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वहीं विश्वविदालय कर्मचारी अपने मांग के समर्थन में धरना पर डटे हुए हैं बताया जा रहा है कि सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक डॉक्टर रेखा कुमारी ने हाल के दिनों में एक पत्र जारी कर कुलसचिव और कुलपति से 42 कर्मचारियों की नियुक्ति पर सवाल खड़ा कर उक्त कर्मियों से स्पस्ट्री कारण पूछने का आदेश पत्र कुलसचिव और कुलपति को भेजा गया था .

 

लेकिन कुलसचिव और कुलपति ने उक्त 42 कर्मियों को हटाने का बात हड़ताली कर्मचारियों के बीच कही, इसी बात को लेकर मृतक जनेश्वरी यादव की तबियत बिगड़ने लगी और आज उनकी हृदय गति रुकने से धरना स्थल पर हीं मौत हो गई, मौत के बाद विश्वविद्यालय में मातमी सन्नाटा छा गया और विश्वविद्यालय छोड़ कर कुलसचिव व कुलपति फरार हो गए. जबकि उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक डॉक्टर रेखा कुमारी द्वारा प्रेषित पत्र में कहीं भी 42 कर्मचारियों को हटाने की जिक्र नहीं किया गया है .

 

वहीं कर्मी की मौत के बाद आक्रोशित हड़ताली कर्मचारियों ने विश्विद्यालय परिसर में अपने साथी की शव रखकर जमकर नारेबाजी की, साथ हीं कुलसचिव और कुलपति को विश्वविद्यालय खाली करने की नसीहत दे डाली.अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों की माने तो जब तक सरकार,विश्विद्यालय प्रशासन और राज भवन उक्त मामले को लेकर कोई ठोस कदम नहीं लेते है और लंबित वेतन की भुगतान नहीं होता है तब तक उक्त हड़ताली कर्मी धरना स्थल पर हीं मर मिटने को तैयार हीं रहेगा.

 

धरना पर बैठे कर्मचारियों ने बताया कि फिलहाल 42 कर्मचारियों को हटाने की बात सुनकर एक जनेश्वरी यादव की मौत हृदय गति रुकने से हो गई है और दो अन्य कर्मचारी की हालत गंभीर है जिसे बेहतर इलाज के लिए पटना रवाना किया गया है. कर्मचारियों ने बताया कि यह मौत नहीं हत्या है और इनकी सारी जाबदेही कुलसचिव व कुलपति पर जाता है उनके कारण हीं जनेश्वरी यादव की मौत हुई है .

 

 

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