बिहार न्यूज़ लाईव सारण डेस्क: छपरा। सिरदर्द सबसे आम समस्या है, जिसका हर व्यक्ति कभी न कभी सामना करता है। इसके पीछे तनाव, थकावट, नींद की कमी जैसी कई सारी वजहें हो सकती हैं। इससे राहत पाने के लिए अधिकतर लोग पेनकिलर लेकर काम चलाते रहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बार-बार सिरदर्द होना माइग्रेन की निशानी भी हो सकता है। लेकिन माइग्रेन का शीघ्र इलाज बहुत जरुरी है। उक्त बातें छपरा शहर के श्यामचक स्थित आरएन यादव अस्पताल के जाने-माने न्यूरों एवं स्पाइन सर्जन डॉ संदीप यादव ने कही। उन्होने कहा कि सर्दी की वजह से माइग्रेन और साइनस का दर्द उभर जाता है। ये दर्द सिर के किसी भी हिस्से में हो सकता है जैसे कनपटी के पास, माथे पर, सिर के पिछले हिस्से में, दोनों कनपटियों में या पूरे सिर में एक साथ भी हो सकता है। सिर के किसी एक हिस्से में असहनीय दर्द का कारण माइग्रेन है।
माइग्रेन के 10 मरीजों में से होती हैं 7-8 महिलाएं:
डॉ. संदीप यादव ने बताया कि माइग्रेन के 10 मरीजों में से 7-8 महिलाएं होती हैं। महिलाओं को माइग्रेन का दर्द भी तेज होता है। इसकी कई वजहें हैं, जैसे कि हॉर्मोनल चेंज। पीरियड्स के दौरान होने वाले हॉर्मोनल चेंज के कारण प्रि-मेंस्ट्रुअल माइग्रेन यानी पीरियड्स से पहले होने वाला माइग्रेन काफी कॉमन है। इस दौरान 4-5 दिन तक तेज दर्द होता है। इसके अलावा, महिलाओं के ऊपर घर-बाहर की कई सारी जिम्मेदारियां होती हैं। इस वजह से वे काफी सोचती हैं और तनाव भी ज्यादा लेती हैं। महिलाएं व्रत ज्यादा रखती हैं और नींद कम लेती हैं। ये सभी बातें माइग्रेन को बढ़ावा देती हैं।
तनाव से बचें:
सिर दर्द की एक मुख्य वजह तनाव है। आप छोटी-छोटी बातों को लेकर तनावग्रस्त हो जाते हैं जिसकी वजह से आपको सिर दर्द हो सकता है। तनाव से बचने के लिए नियमित तौर पर सैर और ध्यान करें। अपना ध्यान उन कामों में लगाएं जिनसे आपको खुशी मिलती हो। व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं, क्योंकि व्यायाम करने से तनाव दूर होता है।
माइग्रेन की पहचान करना जरूरी:
न्यूरो एंड स्पाइन सर्जन डॉ. संदीप यादव ने कहा कि आमतौर पर हम सबको कभी-न-कभी सिरदर्द की शिकायत होती है। ऐसे में कैसे पहचाना जाए कि यह साधारण सिरदर्द है या माइग्रेन के कारण होने वाला सिरदर्द? माइग्रेन के कारण होने वाले सिरदर्द की पहचान ‘ऑरा’ से होती है। ‘ऑरा’ दृष्टि संबंधी परेशानी यानी विजुअल डिस्टर्बेंस हैं, जिसमें मरीज को रुक-रुककर चमकीली रोशनी, टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएं दिखाई देती हैं,
आंखों के सामने काले धब्बे दिखाई देते हैं, स्किन में चुभन होती है और कमजोरी महसूस होती है। इसके अलावा, जी मिचलाना, उलटी होना, लो बीपी, रोशनी और आवाज से परेशानी होना आदि माइग्रेन के दूसरे लक्षण हैं। आंखों के नीचे काले घेरे होना, गुस्सा, चिड़चिड़ापन आदि भी माइग्रेन के लक्षण हो सकते हैं। इनमें से कोई एक या ज्यादा लक्षणों को पहचानकर माइग्रेन का अंदाजा लगाया जा सकता है। लेकिन ध्यान रखें कि यही लक्षण किसी दूसरी बीमारी के भी हो सकते हैं।
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