दरभंगा में फर्जी इस्कॉन मंदिर के नाम पर मंदिर हड़पने सहित उगाही का आरोप
बिहार न्यूज़ लाइव दरभंगा डेस्क: सुभाष शर्मा/दरभंगा /दरभंगा में फर्जी इस्कॉन मंदिर के नाम पर उगाही का आरोप। मंदिर के व्यवस्थापक का निष्कासित पुजारी पर गंभीर आरोप
निष्कासित पुजारी पर राधा-कृष्ण,बलदेव जी मंदिर को इस्कॉन का बाताकर उगाही करने का आरोप
1895 ईo में दरभंगा महाराज ने करवाया था निर्माण,तबसे राज परिवार के अधीन चला आ रहा है मंदिर
दरभंगा:-दरभंगा राज परिवार के श्यामा मंदिर में बलि प्रदान बंद मामले में बवाल के बाद इस्कॉन द्वारा मंदिर हड़पने को लेकर विवाद का एक और मामला सामने आया है। दरभंगा के शुभंकरपुर स्थित श्री राधा कृष्ण बलदेव जी मंदिर में फर्जी इस्कॉन संचालित करने का मामला प्रकाश में आया है।
दरअसल, दरभंगा के शुभंकरपुर ड्योढ़ी स्थित श्री राधा कृष्ण बलदेव मंदिर के मालिक व न्यायालय की ओर से श्री राधा कृष्ण बलदेव मंदिर न्यास के लिए नियुक्त व्यवस्थापक अनिल नंदन सिंह का दावा है कि ये मंदिर उनके पूर्वजो का है,1895 ईo में इसका निर्माण हुआ था, जिसका उनके पास कागजी सबूत मौजूद हैं और इसी आधार पर उनको प्रांगण स्थित श्री राधा कृष्ण बलदेव मंदिर के मालिक की भी जिम्मेदारी प्राप्त है।
मंदिर के मालिक व व्यवस्थापक अनिल नंदन सिंह का कहना है कि इस मालिकाना के आधार पर हमने बलदेव कृष्ण मंदिर की देखभाल के लिए 2021 दो पुजारियों को इस मंदिर में सनातन धर्म के मुताबिक, पूजा पाठ और मंदिर की देखभाल के लिए नियुक्त किया था।लेकिन अचानक पिछले कुछ महीनों से सनातन धर्म का पालन इस मंदिर में पुजारियों की ओर से न किए जाने को लेकर हमने दोनों पुजारियों को डिस्मिस कर दिया।
दोनों पुजारियों ने मंदिर को असमाजिक तत्वों का अखाड़ा बना दिया,जिसके बाद हमने फैसला लेते हुए दोनों पुजारियों को मंदिर से लिखित निष्कासित करते हुए विदा कर दिया।दोनों पुजारी एक के बाद एक तो निष्कासन करते ही मंदिर छोड़ चले गए, लेकिन दूसरे एक व्यक्ति जो खुद को इस्कॉन का बताता है, वो शख्स इस मंदिर पर अवैध तरीके से ISKCON के नाम पर दावेदारी पेश करते हुए गलत उगाही व कार्यमुक्त करने के बावजूद मंदिर छोड़ने के लिए अवैध रुप से तैयार नहीं है।
श्री राधा कृष्ण बलदेव जी मंदिर के मालिक व व्यवस्थापक अनिल नंदन सिंह ने कहा कि हमारे और पुजारियों के बीच हुए तमाम डील , नियुक्ति पत्र और निष्काषन की कागजात मौजूद हैं। बावजूद मंदिर पर अवैध तरीके से मौजूदा पुजारी कब्जा जमाना चाहते हैं।श्री राधा कृष्ण बलदेव जी मंदिर न्यास का ISKCON संस्था से न कोई मतलब है और न कोई सरोकार था।
लगाया मंदिर में मौजूद कथित पुजारी पर फर्जी तरीके से इस्कॉन संचालित करने का आरोप
श्री राधाकृष्ण बलदेवजी मंदिर शुभंकरपुर ड्योढी से पूर्व में संबंधित रविकान्त साह उर्फ रासनिधि दास एवं डिम्पी गौतम उर्फ दीनआश्रय गौड दास को दिनांक 07.05.2023 को कर्तव्यहीनता, विश्वासघात, जालफरेवी, नाजायज जन उगाही और किसी तरह मंदिर हड़पने की नियत प्रमाणित होने पर सेवा से विमुक्त कर हटा दिये गये और उक्त दोनो कर्मचारियों को पदमुक्त कर दिया गया था। लेकिन दोनो व्यक्ति जो स्वयं को ISKCON से को होने को कहते है वे मंदिर को अनजान व्यक्तियों के हवाले छोड़ चले गये और अभी तक पदमुक्त होने के बावजूद मंदिर परिसर को खाली नहीं किये हैं।
जिसके कारण समर्पित भक्तों को मंदिर में स्थापित देवताओं के पूजा पाठ करने में असुविधा हो रही है। स्थानीय नागरिको में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि इन लोगों को मंदिर में स्थापित देवी देवताओं की पुजापाठ-सेवा-टहल हेतु नियुक्ति की गई थी परंतु ये लोग रोज इस्कॉन मंदिर के नाम पर चंदा उगाही कर स्वयं हजम कर रहे थे और मंदिर को किसी तरह हड़पने की नीयत से अपने अनुयायियों को इकट्ठा कर मंदिर के संस्थापक दाता का नाम विलोपित कर ISKCON मंदिर का नाम दे दिया और इसका नेम प्लेट मंदिर में लगा दिया।
न्यायालय से नियुक्त श्री राधाकृष्ण बलदेवजी मंदिर, न्यास के व्यवस्थापक श्री अनिल नंदन सिंह ने कहा कि श्री राधाकृष्ण बलदेवजी मंदिर का ISKCON संस्था से न ही कोई मतलब है ना ही कोई सरोकार है।
वहीं कथित इस्कॉन के पुजारी ने मीडिया के साथ अपने ठोस पक्ष रखने के बजाय सिर्फ कोर्ट का हवाला देते हुए मामले को टालते हुए दिखाई दिए।मीडिया ने जब निष्कासित पुजारी को कागजात दिखाने को कहा, तो पुजारी ने कागजात दिखाने और मजबूत पक्ष रखने के बजाय सिर्फ कोर्ट का हवाला दिए।निष्कासित पुजारी के बयानों से ऐसा प्रतीत होता है कि उनके पास कोई ठोस कागजात नहीं हैं हैं।
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