अररिया: करोड़ों की लागत से बना तीन पंचायत सरकार भवन पर लटक रहा ताला,प्रमाणपत्र बनाने के लिए हो रही परेशानी
अनदेखी: नियमित रूप से पंचायत सरकार भवन में नहीं हो रहा कार्यालय का संचालन,लोगों को होती है परेशानी
बिहार न्यूज़ लाइव अररिया डेस्क: वरीय संवाददाता अंकित सिंह। अररिया। जिले के भरगामा प्रखंड के खुटहा बैजनाथपुर,शंकरपुर और मानुल्लाहपट्टी पंचायत में करोड़ो रूपये की लागत से लगभग 8 वर्ष पूर्व पंचायत सरकार भवन का निर्माण पूर्ण कराया गया। तीनों पंचायत सरकार भवन का उद्घाटन भी विधायक के द्वारा अधिकारियों के उपस्थिति में कराया गया। बावजूद ग्रामीणों को अब तक पंचायत सरकार भवन से मिलने वाले सुविधा का लाभ नहीं मिल पाया है। जबकि उद्घाटन के समय विभागीय अधिकारियों और उद्घाटनकर्ता के द्वारा कहा गया था,कि पंचायत स्तरीय पदाधिकारी पंचायत सचिव,रोजगार सेवक,कृषि समन्वयक,आवास सहायक,राजस्व कर्मचारी,किसान सलाहकार,कंप्यूटर डाटा ऑपरेटर,कार्यपालक सहायक,विकास मित्र,सरपंच,मुखिया,पंचायत समिति,कचहरी सचिव सहित सभी कर्मी पंचायत सरकार भवन में बैठकर ग्रामीणों की समस्या का समाधान करेंगे। इससे ग्रामीणों को छोटे-छोटे काम के लिए प्रखंड कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। इसमें मुख्य रूप से जाति,आय,निवास,कृषि संबंधित समस्या,मनरेगा, लगान रसीद निर्गत करना,वृद्धावस्था,विधवा, दिव्यांगता एवं लक्ष्मीबाई पेंशन के लिए प्रखंड कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ता। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। बता दें कि ग्रामीणों की शिकायत पर जब हमारी टीमों ने 2 जनवरी मंगलवार को 3 बजकर 38 मिनट पर मानुल्लाहपट्टी पंचायत सरकार भवन का जायजा लेने पहुंचा तो कार्यालय का मुख्य दरबाजा में हीं ताला लगा हुआ मिला।
वहीं बगल में बने आरटीपीएस कार्यालय में भी ताला लगा हुआ मिला। इस संबंध में जब डीपीआरओ धनंजय कुमार से बात किया गया तो उन्होंने नारजगी जाहिर करते हुए कहा,कि बिना कोई सूचना के ड्यूटी से गायब रहने वाले सभी लापरवाह कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन फिलहाल डीपीआरओ के इस कड़े एक्शन के बाद भी अधिकारियों एवं कर्मियों में सुधार नहीं हो पाया है। क्यूंकि इस मामले की पड़ताल करने जब हमारी टीमों ने 4 जनवरी गुरुवार को 12 बजकर 8 मिनट पर खुटहा बैजनाथपुर पंचायत सरकार भवन पहुंची तो सच्चाई सामने आ गई। बता दें,कि उक्त पंचायत सरकार भवन में और वहीं बगल में बने आरटीपीएस काउंटर में ताला बंद मिला।
बता दें कि लगातार कर्मियों के नहीं बैठने के कारण पंचायत सरकार भवन में और भवन के आसपास बड़े-बड़े जंगल-झाड़ उग आए हैं। रखरखाव के अभाव में इस पंचायत सरकार भवन में लगे खिड़की दरवाजे का शीशा भी टूट गया है। दीवारों पर काई भी जम गई है। वहीं हमारी टीमों ने 4 जनवरी गुरुवार को हीं 11 बजकर 02 मिनट पर शंकरपुर पंचायत सरकार भवन का भी जायजा लिया तो कार्यालय का मुख्य दरबाजा तो खुला हुआ मिला। लेकिन कृषि कार्यालय को छोड़कर अन्य सभी कार्यालय बंद थे। यहां तक की आरटीपीएस काउंटर में भी पूरी तरह से ताला बंद था। जिससे ऐसा हीं प्रतीत होता है,कि शंकरपुर पंचायत सरकार भवन की भी स्थिति खराब हीं है।
पूछने पर ग्रामीणों ने बताया कि इस पंचायत सरकार भवन में भी कोई कर्मी नहीं बैठते हैं। जिस कारण इस क्षेत्र के लोग प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाने को मजबूर हैं। ऐसे में यह योजना हाथी का दांत साबित हो रहा है। जिस कारण आज भी लोग काफी रुपए खर्च कर जरूरी कामों के लिए प्रखंड कार्यालय जाते हैं। धीरे-धीरे लोग अब आक्रोशित हो रहे हैं। लोगों का कहना है,कि अधिकारी व कर्मी इसलिए इस ओर ध्यान नहीं देते हैं,कि उन्हें पंचायत मुख्यालयों में ड्यूटी बजानी होगी। पंचायत प्रतिनिधि भी इसलिए ध्यान नहीं दे रहे कि दालान पर दरबार लगना बंद हो जाएगा। बता दें,कि सैकड़ो लोगों ने जिला पंचायती राज पदाधिकारी से पंचायत सरकार भवन में नियमित कर्मी को पदस्थापन करने की मांग की है।
वहीं इस संबंध में जब जिला पंचायती राज पदाधिकारी धनंजय कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया,कि बिना कोई सूचना के ड्यूटी से गायब रहने वाले कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई करते कर सभी कर्मियों को अतिशीघ्र पंचायत सरकार भवन में पदस्थापन करा दिया जाएगा। और सभी समस्याओं का भी बहुत जल्द समाधान कर लिया जाएगा।
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