मधेपुरा: बिहार से गरीबी को खत्म करना है तो इन 3 मुद्दों पर करना होगा काम, बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा व्यवस्था, किसानों की बेहतर आमदनी और रोजगार के लिए पूंजी की उपलब्धता: प्रशांत किशोर

Rakesh Gupta
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बिहार से गरीबी को खत्म करना है तो इन 3 मुद्दों पर करना होगा काम, बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा व्यवस्था, किसानों की बेहतर आमदनी और रोजगार के लिए पूंजी की उपलब्धता: प्रशांत किशोर

:आज जन सुराज यात्रा के तहत मधेपुरा में होगी प्रशांत किशोर की रात्रि विश्राम:

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: 20 फरवरी को मधेपुरा के कृष्ण गौशाला मंदिर परिसर में मीडिया से करेंगे जनसंवाद:

ज़िला संवाददाता रंजीत कुमार मधेपुरा

बिहार न्यूज़ लाइव मधेपुरा डेस्क मधेपुरा: जन सुराज अभियान के तहत आज खगड़िया में पदयात्रा कर रहे प्रशांत किशोर ने जन संवाद के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आपके पास पढ़ाई है नहीं, खेती से कमाई का जरिया है नहीं, रोजी-रोजगार के लिए पूंजी है नहीं, तो गरीबी से भला कैसे मिलेगा निजात?उन्होंने कहा जिसको वोट देना है दे दीजिए, चाहे मोदी जी को जीता दीजिए या नीतीश जी को। ये लोग 10-10 साल, 15-15 साल से सत्ता में बैठे हैं। सरकार चाहे नाली-गली बना दे या सड़क बना दे। जहां भी जाइए लोग कहते हैं कि नाली बनवा दीजिए,राशन कार्ड बनवा दीजिए। अगर आपको ये सब चीज मिल भी जाए तो भी आपकी गरीबी खत्म नहीं होगी। 5 किलो राशन की बजाय 10 किलो राशन मिल जाए तब भी हर महीने आपको हाथ फैलाना पड़ेगा। गरीबी तब खत्म होगी जब आपके बच्चों के पढ़ने की व्यवस्था होगी, गरीबी तब खत्म होगी जब आपको खेती से आमदनी होगी, गरीबी खत्म तब होगी जब सभी लोगों को सरकार पूंजी दे ताकि हर आदमी अपने घर में कुछ ना कुछ छोटा-मोटा रोजगार कर सके।

:बिहार में 100 में से 80 लोग महीने में 3 हजार रुपए भी नहीं कमा पाते, तो गरीबी दूर कैसे होगी: प्रशांत किशोर*

आगे प्रशांत किशोर ने कहा कि आप लोगों के पास अपने बच्चों को पढ़ाने की सुविधा है नहीं, खेती से कमाने का जरिया है नहीं, तीसरा बच गया रोजी-रोजगार, व्यापार। जितने लोग बैठे हैं अगर उनके पास पैसा हो जाए, सरकार उन्हें कर्ज दे तो पशु पालन, कपड़े की दुकान, सीमेंट, खाद्य की दुकान खोलकर जीवन चला सकते हैं। यहां के लोग वो भी नहीं कर पा रहे हैं, ऐसा इसलिए कि बिहार में जितने भी लोग रहते हैं उनमें 100 में से 80 लोग महीने में 3 हजार रुपए भी नहीं कमा पाते।

 

इस महंगाई के जमाने में आप 3 हजार रुपए भी नहीं कमाते हैं तो खाइएगा क्या? बचाइएगा क्या? और रोजी-रोजगार के लिए पूंजी कहां से लाइएगा? बता दें कि प्रशांत किशोर मधेपुरा में प्रबुद्ध लोगों से मिलने पहुँचे हैं आज रात्रि विश्राम मधेपुरा में ही करेंगे।

 

 

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