कहलगांव ,भागलपुर, बिहार न्यूज़ लाईव।
कहलगांव के अनुमंडलीय अस्पताल में पीसी और पीएनडीटी एक्ट विषय पर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस जागरूकता कार्यक्रम में अस्पताल अधीक्षक, डॉक्टर, नर्स और बड़ी संख्या में मरीज़ उपस्थित थे।
यह कार्यक्रम अनुमंडल विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा आयोजित किया गया थाअनुमंडल विधिक सेवा समिति, व्यवहार न्यायालय कहलगाँव के तत्वाधान में आज पिसी एंड पीएनडीटी एक्ट विषय पर अनुमंडल अस्पताल में जागरुकता शिविर आयोजित किया गया। जिसमें पैनल अधिवक्ता श्रीकृष्णदेव सिंह और पारा लीगल वालंटियर सत्या सुमन ने भी उपस्थित लोगों को संबंधित विषय के संदर्भ मे जागरूक किया।उन्होंने बताया कि गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएनडीटी) अधिनियम, 1994 भारत की संसद का एक अधिनियम है जो कन्या भ्रूण हत्या को रोकने और भारत में घटते लिंग अनुपात को रोकने के लिए बनाया गया है।
पीसीपीएनडीटी अधिनियम के अनुसार, लिंग चयन भ्रूण के लिंग की पहचान करने और अवांछित लिंग होने पर भ्रूण को खत्म करने का एक कार्य है। इस अधिनियम के तहत अपराधों में अपंजीकृत इकाइयों में प्रसवपूर्व निदान तकनीक का संचालन करना या उसमें मदद करना, किसी पुरुष या महिला का लिंग चयन करना, अधिनियम में उल्लिखित उद्देश्य के अलावा किसी अन्य उद्देश्य के लिए पीएनडी परीक्षण आयोजित करना, बिक्री, वितरण, आपूर्ति, किराये पर देना शामिल है। किसी भी अल्ट्रासाउंड मशीन या भ्रूण के लिंग का पता लगाने में सक्षम किसी अन्य उपकरण आदि। अधिनियम में मुख्य प्रावधान हैं। इस अवसर पर अस्पताल उपाधीक्षक के द्वारा भी अपने विचार रखे गए।
यह कार्यक्रम नालसा कार्य योजना के आलोक में अनुमंडल विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा आयोजित किया गया था।प्राधिकार की सचिव सह मुंसिफ शिल्पा प्रशांत मिश्रा ने बताया की प्राधिकार द्वारा समय समय पर इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किया जाता रहा है।इस अवसर पर प्राधिकार के मनीष पांडेय भी मौजूद थे।