बिहार न्यूज़ लाइव अररिया डेस्क: वरीय संवाददाता अंकित सिंह।भरगामा। शास्त्रीय संगीत के सुप्रसिद्ध गायक एवं स्वतंत्रता संग्राम के अमर सेनानी पत्रकार रुपेश कुमार गुलशन के पिताजी पंडित परिमल यादव के पुण्यतिथि पर मंगलवार को रेणु साहित्य परिसर में ग्रामीण परिवेश के कलाकारों,बुद्धिजीवियों एवं सामाजिक सरोकार से जुड़े लोगों ने शिद्दत से याद कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अजय अकेला ने की। कार्यक्रम का आगाज उनके तैल चित्र पर फूल मालाएं अर्पित करने के बाद उनके गरिमामय व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। मौके पर पूर्व जिला पार्षद सत्य नारायण यादव ने कहा,कि परिमल बाबू बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने छोटी सी उम्र में राष्ट्रीय आंदोलन में भाग लिया,और आजादी के पश्चात अंध परम्परा के खिलाफ मुहिम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था।समाजसेवी नागेश्वर कमल एवं गयानंद सिंह ने उन्हें युगपुरुष और जनवादी गायक बताया।
तो संत योगानंद दास ने कहा उन्होंने शास्त्रीय संगीत को बड़े घरानों के तहखोनों से निकालकर जन-जन तक पहुंचाया। अधिवक्ता भूपेंद्र मेहता ने कहा उनका संपूर्ण जीवन व संगीत समाज को समर्पित रहा। परिमल कला मंच के अध्यक्ष अजय अकेला ने बताया परिमल बाबू ने अपनी प्रतिभा के बूते ग्वालियर घराने के शास्त्रीय संगीतज्ञ पंडित ओंकारनाथ ठाकुर से कठिन शिक्षा-दीक्षा प्राप्त करके शास्त्रीय संगीत को न सिर्फ सुगम बनाया,बल्कि उसे और नया आयाम दिया।
सभा में संत योगानंद दास,सदानंद दास,बासुदेव ठाकुर,अनिल यादव,रमेश भारती,विद्यानंद यादव,महेंद्र मंडल,धर्मदेव यादव,ललन पासवान,सचिन चौपाल,सदानंद मेहता,सुरंजन यादव,रमन ठाकुर,जगदीश मंडल,रामचंद्र मेहता,मनीष के अलावे भारी तादाद में ग्रामीण लोगों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
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