बिहार न्यूज़ लाइव आगामी 9 मार्च को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता को लेकर बैंकर्स की बैठक को संबोधित करते हुए जिला जज ने बंधन बैंक की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा किया है. बैठक में उन्होंने बंधन बैंक के प्रतिनिधि की तलाश कर रहे थे किसी कारण बस पदाधिकारी बैठक में नहीं आ सका. जिला जज प्रजेश कुमार ने विभिन्न बैंकों से आए बैंकर्स को संबोधित करते हुए कहा महिलाओं की छोटी-छोटी ग्रुप में जो कर्ज दिया जा रहा है वह अब खतरनाक रूप ले रहा है जो चिंता का विषय है.
बताया कि उस ग्रुप में केवल महिला ही सदस्य होती है और महिलाओं का डॉक्यूमेंट बैंक प्रतिनिधि अपने पास रख लेते हैं. केवल उनसे सादा कागज पर हस्ताक्षर या अंगूठा का निशान ले लेता है महिलाओं को लोन लेने का चस्का लग गया है शुरू में तो लोन का परिणाम बेहतर दिखता है लेकिन अब धीरे-धीरे यह खतरनाक रूप ले रहा है लोनी के साथ बैंक प्रतिनिधित्व रंगदारी के तरह व्यवहार करते हैं
इस बाबत बैठक में मौजूद यूको बैंक, एसबीआई, बैंक आफ बडौदा, ओवरसीज बैंक, यूनियन बैंक के प्रतिनिधित्व ने जिला जज को जानकारी दिया कि वह माइक्रो फाइनेंस के तहत इस प्रकार की गतिविधियों की जानकारी मिली है. हम लोग के द्वारा जो लोन दिया जाता है वह जीविका से संबंधित जीविका के ग्रुप के महिलाओं को दी जाती है जिला जज ने पदाधिकारी के बीच यह सवाल खड़ा किया है की प्रतिनिधित्व द्वारा ऋण की वसूली जो रंगदारी का रूप ले रहा है आने वाले भविष्य में बैंक कानूनी गिरफ्त में आ सकता है.
कहां की ऐसा मामला उनके संज्ञान में आया है. हालांकि बैठक के अंत तक बंधन बैंक के प्रतिनिधियों के नहीं आने से उनके द्वारा इस विषय पर स्पष्टीकरण नहीं रखी गई . विगत गुरुवार को व्यवहार न्यायालय के सभागार में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए जिला जज ने इस विषय पर गंभीरता जताई है.
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