फोटो सत्र को संबोधित करते अतिथि व अन्य
बिहार न्यूज़ लाईव सारण डेस्क: छपरा। गंगा सिंह महाविद्यालय में चल रहे रहे एनएसएस स्पेशल कैम्प में लोकतंत्र में युवाओं की भूमिका” विषयक विशेष बौद्धिक सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र के मुख्य वक्ता के रूप में जय प्रकाश विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र के वरिष्ठ प्राध्यापक सह कुलसचिव प्रो. रणजीत कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि शासन की सारी व्यवस्थाओं में लोकतांत्रिक पद्धति सर्वोत्तम है। शासन -प्रशासन के तीन अंग हैं, कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका, इन्हें संविधान से ही शक्ति प्राप्त होती है। उन्होंने अपने संबोधन ने यह भी कहा कि कार्यपालिका का जन्म तो विधायिका से होता है, लेकिन न्यायपालिका स्वतंत्र है।
संसदीय लोकतंत्र, सत्ता का विकेंद्रीकरण और संघ-राज्य संबंध के विभिन्न आयामो की चर्चा करते हुए कहा कि देश की 60 प्रतिशत आबादी युवा है, और भारतीय लोकतंत्र के विकास और बदलाव में युवाओं की अहम भूमिका है। उन्होंने स्त्री शिक्षा पर बल देते हुए खास कर युवाओं से अपील किया कि आप सभी मुद्दा आधारित चुनाव में भाग लें। बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, गरीबी एवं विकास आदि के मुद्दे को प्राथमिकता दें, न कि जाति, धर्म, सम्प्रदाय आदि के आधार पर बंटे। तभी आप एक ईमानदार नेतृत्व को सामने ला पाएंगे और यही बेहतर लोकतंत्र के निर्माण का आधार होगा।
एनएसएस के स्पेशल कैम्प में स्वयंसेवक और स्वयंसेविकाओं के लिए “विज्ञान : वरदान या अभिशाप ” विषयक भाषण प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें कई प्रतिभागियों ने विज्ञान से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार प्रकट किए। कुछ प्रतिभागियों ने अपनी स्वरचित कविताएं भी सुनाई। इस सत्र के निर्णायक प्रभारी प्राचार्य प्रो अंज़र आलम ने उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए विज्ञान की उपयोगिता और उसके प्रभाव की विस्तार से व्याख्या किया ।
सत्र के छठे दिन विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो अरुण कुमार राय विशेष रूप से उपस्थित हुए। कार्यक्रम में महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक और पूर्व प्रभारी प्राचार्य प्रो आदित्य चंद्र झा, प्राध्यापक डॉ संतोष कुमार सिंह, डॉ हरिमोहन पिंटू आदि की सक्रिय सहभागिता रही। जबकि समारोह का संचालन कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ कमाल अहमद ने किया। कार्यक्रम में 40 से अधिक एनएसएस स्वयंसेवकों की सक्रिय सहभागिता रही।
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