सारण: युवा चित्रांशों की चहलकदमी से बढ़ने लगी कायस्थ परिवारों में एक ताकत

Rakesh Gupta
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बिहार न्यूज़ लाइव सारण डेस्क छपरा । चित्रांश परिवारों से संचालित कई संगठन एवं संस्था काफी सक्रिय होकर कार्य करने लगी है जो अब एक दूसरे के प्रति प्रतिस्पर्धा खुलकर सामने परिलक्षित होने लगा है।
राजनीतिक रूप से सजग सारण जिला में बिहार में जातीय जनगणना रिपोर्ट आने के बाद कायस्थ परिवारों की संख्या कम आंके जाने के कारण इस से जुड़े युवा चित्रांशों में खासे नाराजगी होने पर ज्यादा जागरूकता दिखने लगी है,ऐसा कई राजनीतिक पंडितों का मानस है।विगत 03 दिसम्बर को राजेन्द्र जयंती समारोह में सैंकड़ो की तादाद में चित्रांश परिवारों से जुड़े लोगों ने जो अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी उससे लगा था कि इनमें इस जातीय जनगणना रिपोर्ट के प्रति आक्रोश था।उसी समय यह तय हो चुका था कि आयोजन संस्था कायस्थ परिवार को एक मजबूत शक्ति मिल गई ।कायस्थ परिवार इसके बाद अनवरत सामाजिक व रचनात्मक कार्यो को धरातल पर उतार कर अन्य संगठनों को पीछे छोड़ता जा रहा है तथा अपनी गतिविधि को मजबूत आधार दे दिया है जिस कारण चित्रांश परिवारों में इस संस्था के एक अटूट विश्वास कायम होने लगा है। हालांकि शहर की पुरानी संस्था श्री चित्रगुप्त समिति या अखिल भारतीय कायस्थ महासभा भी अपनी संयुक्त बैठकों एवं कार्यक्रमो के तहत सक्रियता दिखा रहा है कारण जो भी हो,मगर एक दूसरे संगठन के प्रति प्रतिस्पर्धा का दौर जारी है। यह कटु सत्य चरितार्थ होने लगा है।वैसे वरीय चित्रांशों की चुप्पी एक चर्चा का विषय बना हुआ है । चित्रांश परिवारों के कई ऐसे संगठन है जहां कुछेक लोग हावी है जिस कारण कई नए मंच एवं संगठन खड़ा होने लगे है जो इस समाज के लिए अच्छे संकेत भी नहीं है।वैसे,इस समाज के प्रति आम लोगो की धारणा ही एक अलग है ।यह अवश्य कहते है कि समाज के वास्तविक बुद्धिजीवी इसी समाज के लोग माने जाते है फिर भी आपसी एकजुटता का घोर अभाव है ।इसी धारणा को समाप्त करने के लिए जब कुछ युवा चित्रांशों ने कायस्थ परिवार जैसे एक मंच खड़ा कर कार्य करना शुरू किया तब एक बारगी जमे जमाये चित्रांशों की वेचैनी बढ़ गई।
इस बीच कायस्थ परिवार ने रविवार को जो होली मिलन सह रंगोत्सव कार्यक्रम को जिस भव्यता एवं आकर्षण के साथ सम्पन्न कराया उससे लगता है कि कायस्थों की अच्छी खासी जमघट ने कायस्थ परिवार के मनोबल को बढ़ा दिया।जिस कारण यही नहीं, अन्य राजनीतिक जातिगत वोटरों में वेचैनी भी छा गई ऐसा कई बुजुर्ग व्यक्ति मानने लगे।इस कार्यक्रम में कई नामचीन सांस्कृतिक कलाकारों एवं अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के प्रांतीय एवं राष्ट्रीय पदाधिकारियो की उपस्थिति तो चार चांद लगा दिया। इन पदाधिकारियों में मनहर कृष्ण अतुल,विजय कुमार,राकेश कुमार सिन्हा, अनिल कुमार सिन्हा, आदित्य अम्बष्ट सुषमा सिन्हा, अमरेश प्रसाद शामिल थे जिन्होंने कायस्थ परिवार के इस कार्यक्रम की भरपूर सराहना की तथा एक होकर कार्य करने का आग्रह किया।
वही दूसरी तरफ श्री चित्रगुप्त
समिति ने रविवार को ही कार्यकारिणी समिति की बैठक कर कई आवश्यक निर्णय लेकर अपनी सक्रियता बढ़ाने का एक प्रयास किया।यह बैठक समिति के अध्यक्ष नागेन्द्र कुमार वर्मा द्वारा आवश्यक सूचना के तहत निर्गत किया गया था जबकि अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के युवा प्रकोष्ठ के द्वारा रविवार को संध्या समय डेढ़ सौ गरीब परिवारों के बीच भोजन ग्रहण करा कर एक सामाजिक एवं रचनात्मक कार्य का परिचय दिया।
इस आशय की जानकारी इस प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष सुभाष चंद्र भास्कर द्वारा जारी सूचना में दी गई थी। रविवार को सम्पन्न सभी कार्यक्रमो से यही लगता था कि अब चित्रांश पूरी तरह जागृत होने लगे है। उधर
कई चित्रांश संगठनों से जुड़े एक सेवानिवृत प्राध्यापक ने बताया कि जब कायस्थ परिवार के संस्थापक सदस्यों द्वारा पूर्व से अपने कार्यक्रमो को निर्धारित किया था तब ऐसी परिस्थिति में श्री चित्रगुप्त समिति की कार्यकारिणी की बैठक रखने का क्या औचित्य है?यह समझ से परे है।
वही कायस्थ परिवार के संस्थापक सदस्यों का कहना है कि होली मिलन सह रंगोत्सव कार्यक्रम सैकड़ों चित्रांशों की उपस्थिति में एक बैठक के दौरान प्रस्ताव पारित कर निर्धारित किया गया है ऐसे में किसी को नागवार क्यों लगा।यह कोई पॉकेट की संस्था नहीं है और न ही एक तरफा फरमान जारी करने वाला संस्था है। यह चित्रांशों को एक सूत्र में जोड़ने वाला है और इस संकल्प को पूरा करने के प्रति समर्पित है। युवा चित्रांश एवं सामाजिक कार्यकर्ता प्रिंस राज ने दावा किया कि कुछ भी हो अब चित्रांशों को कोई हाशिये पर नहीं रख सकता। इस जमात की अहमियत को नजरअंदाज नहीं कर सकते बल्कि चुनाव में एक विशेष प्राथमिकता रहेगी।उधर कायस्थ परिवार के मार्गदर्शक मुकुंद मोहन राजू संस्थापक सदस्य ई अभिजीत श्रीवास्तव, राजेश कुमार सिन्हा ,प्रिंस राज, कोर कमिटी के सदस्य,अजय सहाय,राजेश वर्मा,मनीष कुमार सिन्हा, ब्रजेन्द्र किशोर,अजीत कुमार, सोंनू जी भुपेश नंदन राकेश कुमार दत्ता आदि ने सभी चित्रांशों के सहयोग एवं आशीर्वाद देने के प्रति आभार जताते हुए कहा कि अब कायस्थ परिवार एक सशक्त संस्था के रूप में दिखाई देगा जहां सामाजिक व रचनात्मक कार्यो की बौछार होगी।

: बहरहाल,रविवार को सम्पन्न चित्रांशों के विभिन्न संगठनों द्वारा कार्यक्रमो को लेकर छपरा शहर में चहलकदमी बढ़ने से एक नई आशा की किरण दिखाई देने लगी जो आने वाला किसी भी चुनाव में चित्रांश समाज की एक प्राथमिकता रहेगी।

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