*बाल संरक्षण हेतु प्रशिक्षण सा उन्मुखीकरण कार्यशाला का हुआ आयोजन*
*दीप प्रज्वलित कर किया गया कार्यक्रम का उद्घाटन*
भागलपुर ,बिहार न्यूज़ लाईव। बुधवार को होटल मैक्स इन में जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा आयोजित एक दिवसीय समन्वय बैठक सह उन्मुखीकरण कार्यक्रम का उद्घाटन संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर जिला पदाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी, वरीय पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार, सचिव, विधिक सेवा प्राधिकार, राज्य स्तरीय प्रशिक्षक अजय कुमार तथा उप निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई नेहा नूपुर द्वारा किया गया।बाल संरक्षण से जुड़े सभी हितधारकों, विशेष किशोर पुलिस इकाई तथा सभी थानों में पदस्थापित बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारियों को किशोर न्याय अधिनियम 2015, बिहार किशोर न्याय नियमावली 2017, पोक्सो एक्ट 2012 तथा दत्तक ग्रहण दिशा निर्देश 2022 पर प्रशिक्षण देने के लिए किया गया था। बैठक मे भागलपुर के पुलिस उपाधीक्षक 2, भागलपुर पुलिस जिला के 42 थानों, नौगछिआ पुलिस जिला के 17 थानों तथा भागलपुर रेलवे पुलिस व जीआरपी से एक- एक प्रतिभागियों ने भाग लिया। साथ ही बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष व सदस्यों, किशोर न्याय परिषद के सदस्य,पोक्सो कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक विभिन्न बाल देखरेख संस्थानों के प्रतिनिधियों, जिला बाल संरक्षण इकाई के कर्मियों तथा चाइल्ड हेल्पलाईन के कर्मियों ने भी भाग लिया। कार्यक्रम में सभी का स्वागत करते हुए उपनिदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई ने कहा की इस कार्यक्रम का उद्देश्य बाल संरक्षण से जुड़े सभी स्टैक होल्डर के बीच आपसी समझ व समन्वय बढ़ना तथा जेजे एक्ट व पोक्सो एक्ट में अपनी अपनी भूमिका का संवेदनशीलता से निर्वाह करते हुए बच्चों के लिए प्रोटेक्टिव अम्ब्रेला का निर्माण करना है।
सचिव विधि सेवा प्राधिकार ने कहा की विधि सेवा प्राधिकार ऐसे बच्चों को मुफ्त कानूनी सलाह तथा सहायता उपलब्ध कराती है जो अपने लिए केस लड़ने में सक्षम नहीं हैं। वरीय पुलिस अधीक्षक ने इस प्रशिक्षण का लाभ उठाते हुए पुलिस को बच्चों के प्रति संवेदनशील बनने तथा बच्चों को सुधरने का मौका देने की बात कही।जिलाधिकारी ने कहा की बच्चे पानी की तरह होते हैं उनको बचपन मे जैसा माहौल और परवरिश दी जायेगी वो वैसे ही बन जायेंगे। इसलिए एक अच्छा नागरिक बनाने के लिए हमें बच्चों को सुधारात्मक और सकरात्मक माहौल देना होगा। उन्होंने जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा संचालित योजनाओ विशेषकर परवरिश तथा स्पांसरशिप के लाभुको की संख्या बढ़ाने का निदेश दिया।
साथ ही बच्चा को कानूनी रूप से गोद लेने पर बल दिया, ताकि गोद लिए गए बच्चों को जैविक बच्चे की तरह माता- पिता से संपत्ति व अन्य अधिकार प्राप्त हो सके। विशेष लोक अभियोजक तथा ने पोक्सो के मामले मे अनुसंधान के दौरान सही प्रक्रिया का पालन करने पर विस्तार से बात की तथा उन गलतियों से बचने की सलाह दी जिसके कारण पीड़ित को न्याय दिलाने और दोषी को दंड दिलाने मे समस्या आती है।तकनीकी सत्र में प्रशिक्षक अजय कुमार ने विस्तार से किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों, देखरेख व संरक्षण योग्य बच्चो और विधि विवादित बच्चों हेतु बनाई गयी संस्थाओं तथा उनके संरक्षण व पुनर्वासन की प्रक्रिया की जानकारी दी।
एक अन्य राज्य स्तरीय प्रशिक्षक श्री विवेक सिंह ने कानूनी रूप से दत्तक ग्रहण के प्रावधानों, पात्रता, आवश्यक दस्तावेजों, अनुसरण आदि पर विस्तार से चर्चा करते हुए प्रतिभागियों के सवालों के जवाब दिये। साथ ही विभिन्न प्रकार के बाल देखरेख संस्थानों तथा बच्चो को मुख्य धारा मे जोड़ने के लिए जेजे एक्ट के प्रावधानों पे चर्चा की।
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