वित्त रहित शिक्षकों की समस्या का किसी राजनीतिक दल ने नहीं किया समाधान।
:संघर्ष मोर्चा ने कुलाधिपति,सीएम और चुनाव आयोग को भेजा पत्र
बिहार न्यूज़ लाईव मधेपुरा डेस्क: जिला संवाददाता रंजीत कुमार. मधेपुरा: अनुदानित डिग्री कालेज शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघर्ष मोर्चा ने इस बार के लोकसभा चुनाव में वोट बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। इस संदर्भ में संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष प्रो. मनोज भटनागर ने चुनाव आयोग सहित कुलाधिपति, मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है।
संघर्ष मोर्चा के विश्वविद्यालय अध्यक्ष प्रो. मनोज भटनगार ने बताया कि पिछले 40 साल से बिना वेतन का वित्त रहित कालेजों में शिक्षक व कर्मी सेवा दे रहें हैं। ऐसे में हम लोगों की मांगों पर कोई विचार सरकार की ओर से नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मधेपुरा लोक सभा क्षेत्र के हजारों वित्त रहित शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों समेत उनके लाखों परिजन सात मई को होने वाले मतदान का बहिष्कार करेंगे। कहा कि पिछले 40 साल के अंतर्गत किसी राजनीतिक दल ने उनके समस्याओं का निदान नहीं किया।
इस वजह से दो पीढ़ियां बर्वाद हो गयी। एमए, पीएचडीधारी उक्त शिक्षकों व कर्मचारियों की बदहाली का हालत यह है कि पंजाब व दिल्ली समेत अन्य राज्यों में देहाड़ी मजदूरी करने वाले उनके बच्चे जब पैसा कमाकर भेजते हैं तो उनके घर का चुल्हा जलता है। शिक्षकों ने कहा कि अनुदान के नाम पर जहां वित्त रहित कर्मियों को ठगा गया। वहीं कालेज प्रबंधन द्वारा उनके शोषण की कहानी जग जाहीर है।
इस हालत में किसी भी दल के प्रत्याशी को वोट देना अपने जीवन के साथ पुनः धोखा है। स्थिति यह है कि वित्त रहित कर्मियों के दुर्दशा की चर्चा भी से करें। जब स्थानीय एमएलए प्रो. चन्द्रशेखर शिक्षा मंत्री बने थे तो लोक सभा क्षेत्र के वित्त रहित कर्मियों में उम्मीद जगी थी कि अब बित्त रहित शिक्षकों के दिन बहुरेंगे। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया इसलिए वित्त रहित कर्मियों ने फैसला किया है कि हम मताधिकार का प्रयोग नहीं करेंगे। शिक्षकों ने इसके पूर्व भी अनुदान तथा वेतन भुगतान से संबंधित आवेदन सीएम नीतीश कुमार को दिया था।
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