मधेपुरा: मतदान में भाग नहीं लेंगे अनुदान व वेतन से वंचित वित्त रहित शिक्षक : प्रो. अरविन्द
जिला संवाददाता रंजीत कुमार
मधेपुरा तथा सुपौल लोक सभा में कल होने वाले मतदान में लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र के हजारों वित्त रहित कर्मियों के साथ उनके परिजन भाग नहीं लेंगे। यह फैसला रविवार को संबद्ध कॉलेजों के विभिन्न संगठनों के नेताओं के बीच आपसी भेदभाव भुलाकर किए गए मंथन के बाद लिया गया। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि पिछले 40 साल से जिन सरकारों व उनके एमपी, एमएलए ने हमें मुखे मरने पर मजबूर कर दिया उसी नेताओं के पक्ष में अपने मताधिकार का प्रयोग कर पुनः उनका ताजपोशी करना अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ है। शिक्षकों ने कहा कि शिक्षक अनुदान तथा वेतन से वंचित होकर अपनी सेवा देते आ रहे है बावजूद इसके सरकार उनकी समस्याओं का निदान नहीं कर रही है। मधेपुरा प्रवास के दौरान सीएम नीतीश कुमार को कई बार शिक्षकों ने अनुदान व वेतन भुगतान से संबंधित मांगों को लेकर ज्ञापन दिया था किन्तु इस दिशा में कोई साकारात्मक पहल नहीं किया गया। लिहाजा मजबूरी में संबद्ध कॉलेजों के शिक्षक व कर्मियों को वोट बहिष्कार का निर्णय लेना पड़ा।
बिहार राज्य संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ (फेक्टनेव) बीएनएमयू, मधेपुरा के अध्यक्ष प्रो० अरविन्द कुमार यादव, सुपौल जिलाध्यक्ष प्रो० (डॉ०) चन्द्र प्रकाश यादव, सहरसा जिलाध्यक्ष प्रो० शमीमुल्लाह, विवि महासचिव डा० वैद्यनाथ यादव, विवि उपाध्यक्ष प्रो० आलीक कुमार, डा० दीपक कुमार सिहं, प्रो० कुमार राजीव रमन, सचिव प्रो० अभय कुमार तथा मधेपुरा जिला कार्यकारी अध्यक्ष प्रो० सत्येन्द्र नारायण यादव ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि जब सरकार वित्त रहित कर्मियों को अनुदान व वेतन देने में समर्थ नहीं है तो वे संबंद्ध कॉलेजों का संबंद्धन समाप्त कर दें ताकि उच्च डिग्रीधारियों का शोषण तथा शिक्षा माफियाओं का पोषण नहीं हो सके।
Comments are closed.