*भागवत मृत्यु- जीवन जीना सीखाती -गोपीराम महाराज, मरने के लिए कोई तैयार नहीं
* भक्त ओर भगवान के बीच कोई नहीं आ सकता
बिहार न्यूज़ लाइव अजमेर डेस्क पुष्कर/अजमेर (हरिप्रसाद शर्मा) मंदिरों की नगरी तीर्थ गुरू पुष्कर में संगीतमय श्रीमद्भागवत भागवत सप्ताह का आयोजन के चतुर्थ दिवस को संत गोपीराम महाराज
व्यासपीठ से करते हुए अपनी सुमधुर वाणी से श्रीमद्भागवत कथा वाचन करते हुए कहा कि भागवत मृत्यु व जीव जीना सीखाती है । महाराज ने मृत्यु की सच्चाई बताते हुए सांसारिक जीवन में को नहीं मरना चाहता है । मृत्यु के संबंध में उदाहरण देते हुए कहा कि एक परिवार में किसी का पुत्र मर गया । लेकिन घर के सब बड़े लोग कहने लगे । हमें उठा लेता लेकिन मरना कोई नहीं चाहता है ।
पुनः एक साधु का उदाहरण देते हुए महाराज ने कहा कि साधु ने कहा कि इस लोटे के पात्र का कोई जल पी लेता है । तो उस व्यक्ति की मृत्यु हो जायेगी पर यह जी उठेगा । परन्तु कोई पात्र का जल पीने को तैयार नहीं । उस वक़्त तो परिवार में सब बड़े उसकी जगह मरने को तैयार थे । जब जल पीने की बात पर कोई मरने को कोई तैयार नहीं ।बाद में साधु ने कहा कि मैं यह जल पीने से यह मरा व्यक्ति जी उठेगा, साधु ने जल पी लिया ।साधु ने मृत्यु की सच्चाई बताई । कहते है कि साधु का मरने , जीने पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता है ।
उन्होंने एक प्रसंग में कहा कि भक्त ओर भगवान के बीच कोई नहीं आ है । भगवान के पार्षद भी नहीं आ सकते है । आयोजन समिति के शंकर अग्रवाल, बालकृष्ण अग्रवाल ने बताया कि बुधवार की कथा के बारे में बताया कि कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा । सभी श्रद्धालु यथा पीले वस्त्र पहन कर कथा में निश्चित समय पर आये। कृष्ण जन्मोत्सव मध्याह्न की कथा में होगा ।
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