90 वर्षीय बुजुर्ग मतदाता के निधन पर सांसद दुःखी
• निवर्तमान सांसद सह भाजपा प्रत्याशी रुडी ने जताया दुःख
• रुडी ने कहा, संसदीय पारी की शुरूआत से ही कामेश्वर सिंह जी साथ थे
• रुडी ने कहा शारीरिक लाचारी को पीछे छोड़ मतदान केंद्र पहुंचे थे कामेश्वर सिंह
छपरा कार्यालय।
बिहार न्यूज़ लाईव सारण डेस्क सारण लोकसभा क्षेत्र में 20 मई को को लोकतंत्र का महापर्व पूरा हुआ। लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग करके इसमें अपना योगदान दिया। गर्मी और धुप के बावजूद वयोवृद्ध महिला और पुरूष मतदाताओं ने मतदान का जज्बा दिखाया। इसी कड़ी में 90 वर्षीय बुजुर्ग कामेश्वर सिंह का इस महापर्व में अपनी भागीदारी निभाया। मतदान में अपना कर्तव्य निर्वहन के बाद ही उनका निधन हो गया। पूर्व प्राध्यापक कामेश्वर सिंह चुनाव से कुछ दिन पहले से ही मतदान करने के लिए उत्साहित थे और सभी लोगों से भी देशहित में अपना मत देने की अपील कर रहे थे।
कामेश्वर सिंह के निधन की सूचना मिलने पर निवर्तमान सांसद और भाजपा प्रत्याशी ने अपना दुःख जताया और उनके परिजनों से बात कर सांत्वना दिया। उन्होंने कहा कि वे हमारे शुभेच्छु रहे है। देशभर के करोड़ों बुजुर्गों के लिए वे जीवन पर्यंत उत्प्रेरक बने रहेगे। बुजुर्ग मतदाताओं के जज्बे को चुनाव आयोग दुसरों के उत्प्रेरणा के लिए उनका उदाहरण दिया करेगा। उनके नहीं होने की रिक्तता की क्षतिपूर्ति संभव नहीं है। सरल, सौम्य स्वभाव एवं शालीन व्यक्तित्व वाले कामेश्वर जी का निधन अत्यंत दुःखद और मर्माहत करने वाला है। वे सौम्य, सरल और मिलनसार स्वभाव के व्यक्ति थे और समाज सेवा में बढ़-चढकर भाग लेते थे। उन्होंने कहा कि ईश्वर दिवंगत की आत्मा को शांति व परिजनो को इस अपार दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
गरखा के साधपुर निवासी पूर्व प्राध्यापक 90 वर्षीय कामेश्वर सिंह लंबे समय से बिमार चल रहे थे। बुजुर्ग मतदाता शारीरिक लाचारी को पीछे छोड़ 20 मई को अपने मताधिकार का प्रयोग करने मतदान केंद्र पहुंच गये। उनके पुत्र और पोता उनको लेकर मतदान केंद्र गये जहां उन्होंने मताधिकार के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया और सारण के विकास के लिए वोट देने मतदान केंद्र पहुंचकर ईवीएम के बटन को दबाया। मालूम हो कि पूर्व प्रधानाध्यापक कामेश्वर सिंह के पांच पुत्र है। आनंद बिहारी सिंह, रविन्द्र सिंह, अवधेश सिंह, भुषण सिंह और विनोद सिंह उनके पुत्र है।
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