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अररिया: सरकारी राशि के दुरुपयोग की निष्पक्ष जांच की मांग,होगी जांच तो लाखों रुपए की हेराफेरी का हो सकता है खुलासा

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सरकारी राशि के दुरुपयोग की निष्पक्ष जांच की मांग,होगी जांच तो लाखों रुपए की हेराफेरी का हो सकता है खुलासा

 बिहार न्यूज़ लाईव अररिया डेस्क:  भरगामा संवाददाता,अंकित सिंह. भरगामा प्रखंड क्षेत्र के शंकरपुर,खुटहा बैजनाथपुर,मनुल्लाहपट्टी ग्राम पंचायतों के पंचायत सरकार भवन को क्रियाशील रखने हेतु प्रधान सचिव,पंचायत राज विभाग,बिहार,पटना के पत्रांक 3887 के आलोक में स्वीकृत्यादेश संख्या 19 में 29 मार्च 2017 को दिए गए निर्देशानुसार उक्त पंचायत सरकार भवनों में टेबुल,कुर्सी,अलमीरा,पंखा,माईक सेट,एलईडी बल्ब,लेखन सामग्री,दरी एवं अन्य आकस्मिक सामग्री क्रय करने हेतु पांच लाख रूपये विमुक्त किया गया था. लेकिन,फिलहाल उक्त तीनों पंचायत सरकार भवन अक्रियाशील बताया जाता है. ग्रामीणों की शिकायत पर उक्त पंचायत सरकार भवनों का कई बार जायजा लिया गया तो देखा गया कि वहां प्रतिनियुक्ति कर्मियों के लिए किसी प्रकार का कोई व्यवस्था नहीं है. मौके पर मौजूद खुटहा बैजनाथपुर पंचायत की कार्यपालक सहायक श्वेता कुमारी,मनुल्लाहपट्टी पंचायत की कार्यपालक सहायक मोनिका कुमारी,शंकरपुर पंचायत की कार्यपालक सहायक रेणु कुमारी का कहना था कि उनके द्वारा कई बार पंचायत के मुखिया,सचिव,बीडीओ तथा बीपीआरओ से शिकायत किया गया है,कि कम से कम आरटीपीएस कार्यालय तथा आरटीपीएस काउंटर के आसपास साफ-सफाई करवाकर आरटीपीएस काउंटर को नियमित चालू रखने के लिए कंप्यूटर,प्रिंटर,इंटरनेट,बिजली,पंखा,एलईडी बल्ब,टेबुल,कुर्सी,अलमीरा,लेखन सामग्री आदि उपलब्ध करवाया जाए. लेकिन,अब तक उक्त आवश्यक सामग्री उपलब्ध नहीं करवाया गया है. जिसके कारण आरटीपीएस काउंटर संचालित करने में उन्हें काफी परेशानी हो रही है. उक्त तीनों कार्यपालक सहायक ने बताया कि स्थानीय ग्रामीण जब जाति,आय,निवास आदि प्रमाणपत्रों का ऑनलाइन आवेदन करने हेतु आरटीपीएस कार्यालय आते हैं तो उनका ऑनलाइन आवेदन अपने स्मार्टफोन या फिर पर्सनल लैपटॉप से कर देते हैं. लेकिन जब रिसीविंग की बारी आती है तो प्रिंटर नहीं रहने के कारण बाहर के किसी दुकानों से रिसीविंग का प्रिंट आउट निकलवाने को कहा जाता है तो इस बातों पर ग्रामीण आक्रोशित हो जाते हैं. आरटीपीएस कर्मी मोनिका कुमारी,श्वेता कुमारी,रेणु कुमारी ने बताया कि मनुल्लाहपट्टी और खुटहा बैजनाथपुर तथा शंकरपुर पंचायत सरकार भवन परिसर में बने शौचालय की स्थिति ठीक नहीं है. बताया कि शुद्ध पेयजल की भी यहां कोई व्यवस्था नहीं है. बताया कि पंचायत सरकार भवन व आरटीपीएस कार्यालय तथा पंचायत सरकार भवन परिसर का साफ-सफाई नहीं किये जाने के कारण उन्हें आरटीपीएस कार्यालय में बैठकर ग्रामीणों का कार्य करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उन्हें यह डर सताते रहता है कि अगर जरा भी नजर की चूक हुई तो सांप,बिच्छू आकर प्रहार कर देगा. इधर,स्थानीय ग्रामीण मिथलेश मेहता,चंदन चौधरी,जनार्दन मेहता,विकास मेहता,विभाष मेहता,छेदी मेहता,अभिनन्दन यादव,संजय मिश्रा,रिंकू मिश्रा,मयंक पासवान,शिवांगी पासवान आदि ने बताया कि खुटहा बैजनाथपुर,मनुल्लाहपट्टी,शंकरपुर ग्राम पंचायतों के पंचायत सरकार भवन को क्रियाशील रखने हेतु बीते वर्ष 2018 में पांच लाख रूपये प्रधान सचिव,पंचायत राज विभाग,बिहार,पटना के द्वारा भेजा गया था. लेकिन,उक्त पांच लाख रूपये को पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने किस कार्य में उपयोग किया. इसकी जानकारी ना तो स्थानीय ग्रामीणों को है,ना तो पंचायत के जनप्रतिनिधियों को है,ना तो विभागीय अधिकारियों को है. ऐसे दावे के साथ इसलिए यह बात कही जा रही है क्योंकि स्थानीय ग्रामीण जब कभी अपने कार्य को लेकर पंचायत सरकार भवन पहुंचते हैं तो उन्हें लंबे समय तक कर्मियों का दर्शन नहीं होता है. अगर भूल बस कर्मियों का दर्शन हो भी जाए तो उनका साफ तौर पर कहना रहता है कि उन्हें कार्य करने के लिए सरकार की ओर से आवश्यक सामग्री उपलब्ध नहीं करवाया गया है. जिसके कारण वह ग्रामीणों का आवश्यक कार्यों का निष्पादन करने में असफल साबित होते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जब लोग पंचायत सरकार भवन कार्यालय प्रवेश करते हैं तो उन्हें अक्रियाशील सरकारी भवनों में डरावने और भूतहा तस्‍वीर दिखाई देता है. बताया गया कि भवन के अंदर साफ-सफाई की भरपूर कमी देखने को मिलती है. यहां तक कि बैठने के लिए एक कुर्सी तक नहीं मिलता है,इस उमस भरी गर्मियों में पीने के लिए शुद्ध पानी तक नहीं मिलता है. हवा लगाने के लिए एक पंखा तक नहीं मिलता है. जिसके कारण स्थानीय ग्रामीण काफी आक्रोशित हैं. इस मामले को लेकर उक्त सभी ग्रामीणों सहित सामाजिक कार्यकर्ता दिव्य प्रकाश यादवेन्दु उर्फ विजय यादव,अशोक सिंह,विजय सिंह यादव,प्रमोद नारायण यादव,माधव यादव,कुणाल यादव,बबलू सिंह आदि ने उक्त तीनों ग्राम पंचायतों को वर्ष 2018 में पंचायती राज विभाग की ओर से भेजे गए पांच लाख रूपये की खर्च एवं क्रय किये गए सभी समानों की उच्च स्तरीय जांच की मांग किया है. इस संबंध में बीडीओ शशि भूषण सुमन ने बताया कि कार्यपालक सहायकों को पर्सनल लैपटॉप से कार्य करना उनके संविदा में वर्णित है. फिर भी उक्त बिंदुओं पर जांच की जाएगी. जांचों उपरांत उक्त पंचायत सरकार भवनों को क्रियाशील रखने हेतु आवश्यक सामग्री उपलब्ध करवाई जाएगी.

 

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