बिहार न्यूज़ लाईव जयपुर डेस्क: कांग्रेस नेताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर राजनीतिक साजिश का आरोप लगाते हुए पूर्व आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ ने राज्य सरकार को जमकर घेरा।
राठौड़ ने कोटा में कांग्रेस के बड़े नेताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर को राजनीतिक षडयंत्र बताते हुए राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के खिलाफ तानाशाही का आरोप जड़ा। साथ ही भाजपा सरकार की कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा किया है।
उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन के मामले में कोटा में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सहित अन्य नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर राज्य की भाजपा सरकार का तानाशाही रूप जनता के सामने आया है। साफ तौर पर देखा जा रहा है कि भाजपा की सरकार पुलिस का दुरुपयोग कर राजनीतिक बदले की भावना से काम कर रही है, जो लोकतंत्र के लिए सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि जिस मामले में प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के खिलाफ कोटा पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है, उस घटना से उनका कोई लेना देना नहीं है। वो वहां पर मौजूद भी नहीं थे। इसके बावजूद साजिश के तहत उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई। उनके खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज कर फंसाने की साजिश रची गई है, जिससे कांग्रेस पार्टी डरने वाले नहीं है। भाजपा सरकार को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।
उन्होंने भाजपा सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि भाजपा सरकार का मकसद निर्दोष लोगों को जेल में डालना है, जबकि राज्य में हत्या, लूट, फिरौती, अपहरण, महिलाओं व बालिकाओं के साथ अत्याचार व बलात्कार, माफिया राज का आतंक बना हुआ है।
राजस्थान की भजन लाल सरकार में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है। बदमाशों का आतंक बना है, इस सरकार के राज और बिगड़ी कानून व्यवस्था के चलते आम जनता का जीना दुश्वार है। राठौड़ ने कांग्रेस नेताओ पर दर्ज एफआईआर की कड़े शब्दों में निंदा की है। राठौड़ का कहना है कि कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की है।
उन्होंने बताया कि कोटा पुलिस ने एक एफआईआर पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, विधायक अशोक चांदना, चेतन पटेल व सीएल प्रेमी के खिलाफ दर्ज की गई है। वहीं दूसरी एफआईआर कांग्रेस नेता प्रहलाद गुंजल, नईमुद्दीन गुड्डू, मोईजुद्दीन गुड्डू, जिलाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह, सहित अन्य के नाम दर्ज की है।