मधेपुरा : जन सुराज पदयात्रा के आठवें दिन प्रशांत किशोर ने कहा- आप अपना दुर्दशा देखिए, आपके लड़के बाहर जाकर जीवन खपा रहें हैं और आप कहते हैं- गांव में सब वोट दे रहा था तो हम भी दे दिए।
मधेपुरा : जन सुराज पदयात्रा के आठवें दिन प्रशांत किशोर ने कहा- आप अपना दुर्दशा देखिए, आपके लड़के बाहर जाकर जीवन खपा रहें हैं और आप कहते हैं- गांव में सब वोट दे रहा था तो हम भी दे दिए।
:हम बीमार पड़ेंगे तो हेलीकॉप्टर से इलाज कराने जाएंगे वहीं आपके घर वाले बीमार पड़ जाए तो आप उन्हें देख नहीं सकते, इसी गरीबी से हमें निकलना है: प्रशांत किशोर।
:10 से ज्यादा मुख्यमंत्री बना कर देखें, मुझे 10 साल में यह अनुभव हुआ कि नेता और दल के जितने से जनता का जीवन नहीं बदलता:
बिहार न्यूज़ लाईव मधेपुरा डेस्क: जिला संवाददाता रंजीत कुमार
मधेपुरा*: जन सुराज अभियान के तहत बिहार की पदयात्रा पर निकले प्रशांत किशोर का शुक्रवार को मधेपुरा में आठवें दिन पदयात्रा किया। आज पदयात्रा की शुरूवात मोरसंडा से हुई जहां उन्होंने चिरौरी में स्थानीय लोगों से बातचीत कर पैना होते हुए औराय पहुंची। गांव के लोगों ने प्रशांत किशोर की पदयात्रा का स्वागत बैंड-बाजा, ढोल-नगाड़ों के साथ किया। इस दौरान बड़ी संख्या में युवाओं और महिलाओं की भीड़ भी देखने को मिली।
*आप हमको देखने आए हैं- आपका पति, बेटा, भाई, भतीजा, देवर सालों से गया हुआ है मजदूरी करने, बीमार पड़ जाए तो आप देख नहीं सकते, हम बीमार पड़ेंगे तो हेलीकॉप्टर से जाएंगे: प्रशांत किशोर*
मधेपुरा में आम सभा में आए हजारों लोगों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि पढ़ाई के लिए किताब नहीं, बीमार पड़ जाए तो दवा-डॉक्टर नहीं, इसके साथ ही कहते हैं कि भैया इतना गरीब हैं पैसा कहां से लाएं? मैं दावे के साथ आप सब को कह सकता हूं कि इतनी गरीबी होने के बावजूद कल जब वोट देनें की बारी आएगी तो आप इन्हीं नेताओं को दुबारा चुनेंगे। 5 सौ रुपए लेकर मुर्गा भात खा कर दुबारा उन्हें ही वोट करेंगे। जनता को संबोधित करते हुए आगे उन्होंने कहा कि आप यहां हमको देखने आए हैं, यह सुनकर की किसी का लड़का प्रशांत किशोर 2 साल से पैदल चल रहा है। आपका पति, बेटा, भाई, भतीजा, देवर सालों से मजदूरी करने बाहर गया हुआ है, साल भर मजदूरी करने के लिए बाहर रहते हैं, साल में एक बार छठ, दिवाली या किसी पूजा में आते हैं तो 10 दिन के लिए आप उनका चेहरा देख पाते हैं। इसके बावजूद अगर आपकी आंखें नहीं खुलती तो आप को कोई नहीं समझा सकता। हम बीमार पड़ेंगे तो हेलिकाप्टर से इलाज कराने जाएंगे, आपके घर के लोग बीमार पड़ेंगे आप उनका चेहरा भी नहीं देख पाएंगे। आपके लड़के बाहर जाकर जीवन खपा रहें हैं और आप कहते हैं -गांव में सब वोट दे रहा था तो हम भी दे दिए। इससे आपकी दुर्गति नहीं होगी तो किसकी होगी।
Comments are closed.