सारण: परिवार नियोजन पखवाड़ा के तहत परसा सीएचसी क्षेत्र के माड़र में आंगनबाड़ी केंद्र पर लगाई गयी चौपाल

Rakesh Gupta
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परिवार नियोजन पखवाड़ा के तहत परसा सीएचसी क्षेत्र के माड़र में आंगनबाड़ी केंद्र पर लगाई गयी चौपाल
#परिवार नियोजन स्वस्थ और समृद्ध परिवार के लिए मजबूत स्तंभ:- डॉ सुमन कुमार

#चौपाल में स्थाई और अस्थाई गर्भ निरोधक साधनों की लगाई गई प्रदर्शनी

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बिहार न्यूज़ लाईव सारण डेस्क: परसा:-स्वास्थ विभाग की ओर से चलाये जा रहे परिवार नियोजन पखवाड़ा का आयोजन परसा प्रखंड क्षेत्र के माड़र पंचायत स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 136 और 152 पर किया गया।यह कार्यक्रम स्थानीय पोषक क्षेत्र के ग्रामीणों को परिवार नियोजन से संबंधित जागरूक करने के उद्देश्य से चौपाल का आयोजन किया गया।इस संबंध में परसा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के उत्प्रेरक सपना कुमारी ने कहा कि परिवार नियोजन से संबंधित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई। जिसमें मुख्य रूप से मां एवं बच्चों के स्वास्थ्य को परिवार नियोजन के माध्यम से कैसे स्वस्थ्य रखा जाए।इससे संबंधित विस्तृत जानकारी दी गई।साथ ही यह भी बताया गया कि लड़कियों की शादी की उम्र 18 वर्ष में होनी चाहिए,तथा उसका पहला बच्चा 20 वर्ष में, जबकि दो बच्चो में तीन साल का अंतर एवं दो बच्चों के बाद स्थाई साधन एवं नए योग्य दंपतियों के लिए अस्थायी साधन के इस्तेमाल पर चर्चा की गई। इस कार्यक्रम के अलावा लोगो को बच्चो में डायरिया के संक्रमण से बचाव के लिए भी जागरूक किया गया।वही स्वास्थ्य प्रबन्धक रत्नेश कुमार पांडे ने बताया कि परिवार नियोजन का उद्देश्य सिर्फ महिला बंध्याकरण एवं पुरुष बंध्याकरण नहीं होता है। परिवार नियोजन से हम सभी को एक बेहतर एवं स्वस्थ्य समाज ,शिक्षित समाज ,सुपोषित समाज भी मिलता है ।देश के सीमित संसाधनों में अगर सीमित जनसँख्या रहेगा तभी सब को बेहतर सुविधा मिल पायेगा।

परिवार नियोजन स्वस्थ और समृद्ध परिवार के लिए मजबूत स्तंभ:- डॉ सुमन कुमार

परसा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुमन कुमार ने बताया कि दस्त के दौरान दो माह से छः माह तक के बच्चो को 10mg और छः माह से लेकर पांच साल तक के बच्चो को 20mg जिंक 14 दिनों तक लगातार देना होगा।यह भी बताया गया कि परिवार नियोजन स्वस्थ और समृद्ध परिवार के लिए मजबूत स्तंभ है।क्योंकि यह परिवार का आकार छोटा रखने, दो बच्चों के बीच पर्याप्त अंतर रखने का सुलभ व आसान माध्यम है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिवार नियोजन से संबंधित सभी तरह की आवश्यक सुविधाएं लोगों को निःशुल्क उपलब्ध रहती हैं। जिस कारण हाल के दिनों में परिवार नियोजन सेवाओं के प्रति लोगों का विश्वास काफ़ी बढ़ा है। वहीं स्थाई साधनों के साथ गर्भ निरोध के अस्थाई साधनों को अपनाने में भी काफी तेजी आई है।

चौपाल में स्थाई और अस्थाई गर्भ निरोधक साधनों की लगाई गई प्रदर्शनी

पीएसआई इंडिया के राजीव कुमार और पिरामल स्वास्थ्य के कुमार पीयूष द्वारा चौपाल में उपस्थित ग्रामीणों को संयुक्त रूप से परिवार नियोजन के कार्यक्रम से संबंधित अस्थाई और स्थाई साधन से होने वाले फायदे के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। वही सही समय पर गर्भधारण और बच्चो में अंतराल पर जोर दिया गया। परिवार नियोजन पखवाड़े में बताया गया है कि परिवार नियोजन के लिए अस्थाई साधन बहुत जरूरी है। साधन का सही समय पर उपयोग करने पर बच्चों में अंतराल तथा अनचाहा गर्भ से बचा जा सकता है। चौपाल में स्थाई और अस्थाई गर्भ निरोधक साधनों की प्रदर्शनी भी लगाई गई।

 

ताकि आप लोग अपने इच्छा अनुसार इसका चयन कर सकते है। परिवार नियोजन के लिए सिर्फ बंध्याकरण ऑपरेशन स्थायी तरीका नहीं बल्कि अस्थायी तरीके जैसे- अंतरा, छाया, माला एन, पिल्स और निरोध भी बहुत अहम संसाधन के रूप में प्रचलित हुआ है। क्योंकि परिवार नियोजन स्वस्थ और खुशहाल जीने का तरीका है।इस मौके पर प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक सपना कुमारी, पीएसआई इंडिया के राजीव कुमार और पिरामल स्वस्थ्य से कुमार पीयूष, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ में रीता कुमारी, रुचि कुमारी, आशा कार्यकर्ता सलोनी कुमारी और रानी कुमारी सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे।

 

 

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