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अररिया: सिमरबनी पंचायत कार्यालय व आरटीपीएस काउंटर में नहीं बैठते कोई कर्मी,ग्रामीण परेशान

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Bihar News Live Desk: भरगामा: सिमरबनी पंचायत कार्यालय व आरटीपीएस काउंटर में नहीं बैठते कोई कर्मी,ग्रामीण परेशान

 

 

भरगामा। सरकार भले हीं अफसरों व कर्मियों पर लगाम कसने की बात कर रही है,लेकिन भरगामा प्रखंड के सिमरबनी पंचायत में तैनात कर्मियों की मनमानी पर लगाम कसने में पूरी तरह नाकामयाब साबित हो रही है. वर्तमान समय में रेणु पुस्तकालय मैदान परिसर में चल रहे पंचायत कार्यालय एवं आरटीपीएस काउंटर के दफ्तर में कर्मियों को प्रत्येक दिन समय से न बैठने की आदत बन चुकी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि कागजी कोरम पूरा करने के लिए कुछ कर्मी सिर्फ रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने के लिए कभी-कभार कुछ मिनटों के लिए कार्यालय आते हैं. इसके बाद फरियादियों को कई दिनों तक ढूंढने पर भी नहीं मिलते हैं. बताया जाता है कि प्रत्येक दिन ससमय कार्यालय में बैठने का उच्चाधिकारियों का आदेश बेअसर साबित हो रहा है. खैर जो भी बात हो परन्तु इसका खामियाजा आम जनमानस को भुगतना पड़ रहा है. बता दें कि प्रखंड विकास पदाधिकारी हीं नहीं बल्कि अनुमंडल पदाधिकारी से लेकर जिला पंचायती राज पदाधिकारी के अलावे जिला पदाधिकारी का भी कई बार स्पष्टीकरण व सख्त आदेश निकल चूका है कि सभी पंचायत स्तरीय कर्मी ससमय पंचायत कार्यालय व आरटीपीएस काउंटर में हीं बैठे और ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करे,लेकिन यहां पदस्थापित कर्मी किसी भी अधिकारयों के आदेशों को मानने को तैयार नहीं है. बता दें कि ग्रामीणों की शिकायत पर मंगलवार को करीब साढ़े बारह बजे उक्त पंचायत कार्यालय का जायजा लिया गया तो कार्यालय का गेट खुला था,लेकिन उक्त कार्यालय एवं आरटीपीएस काउंटर के दफ्तर के अंदर जाने पर सिर्फ कचहरी सचिव नीरू सिंह हीं अपनी कुर्सी पर तैनात मिली. जबकि पंचायत सचिव सतेन्द्र कुमार,पंचायत कार्यपालक सहायक जयकुमार पासवान,लेखापाल सहायक सनातन सिन्हा,विकास मित्र अर्जुन ऋषिदेव,तकनिकी सहायक सलमान खुर्शीद,रोजगार सेवक श्रवण केशरी,राजस्व कर्मचारी गौतम पासवान अपने कुर्सी से गायब मिले. इतना हीं नहीं उपस्थिति पंजी में भी 01 अगस्त से 13 अगस्त तक उपरोक्त कर्मियों का हस्ताक्षर नहीं किया हुआ पाया गया. वहीं दफ्तर के बाहर खड़े ग्रामीणों ने बताया कि यहां के कर्मियों का आज का हीं नहीं बल्कि रोज का यही रवैया है. ग्रामीण पिंटू यादव ने बताया कि वे पिछले कई दिनों से जाति,आय,निवास प्रमाण पत्र ऑनलाइन करवाने के लिए आरटीपीएस काउंटर पर आते हैं,लेकिन उन्हें आरटीपीएस कर्मी से मुलाकात नहीं हो पाती है. उन्होंने बताया कि आरटीपीएस कर्मी जयकुमार पासवान से मंगलवार को साढ़े बारह बजे फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं आज नहीं आऊंगा आप दूसरे रोज आइये. वहीं ग्रामीण अवधेश यादव,संतोष यादव,अनिल यादव,तुरेन्द्र शर्मा,कालानद शर्मा,पंचम दास,अशोक ठाकुर,ब्रह्मदेव पासवन,पंकज यादव,वीरेन्द मंडल,कैलू शर्मा,जगदीश शर्मा,माधुरी ऋषिदेव आदि ने कहा कि यहां पदस्थापित कोई भी कर्मी नियमित तौर से कार्यालय में नहीं बैठते हैं,कभी कभार हीं उनके दर्शन होते हैं. जिसके कारण यहां के ग्रामीणों को छोटे से छोटे कामों के लिए भी कई दिनों तक प्रखंड मुख्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है. कहा कि जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए आवेदन पर पंचायत सचिव का हस्ताक्षर करवाने के लिए हमलोग कई रोज से पंचायत सचिव से मिलने के लिए यहां आते हैं लेकिन वे नहीं मिलते जिसके कारण हमलोग परेशान हैं. बता दें कि मंगलवार को भी कई लोग सचिव का इंतजार करते रहे लेकिन शाम तक सचिव नहीं पहुंचे तो लोग वापस लौट गए. इतना हीं नहीं यहां पदस्थ सचिव सतेन्द्र कुमार के अलावे पंचायत कार्यपालक सहायक जयकुमार पासवान,लेखापाल सहायक सनातन सिन्हा,विकास मित्र अर्जुन ऋषिदेव,तकनिकी सहायक सलमान खुर्शीद,रोजगार सेवक श्रवण केशरी,राजस्व कर्मचारी गौतम पासवान भी कार्यालय पर मौजूद नहीं थे. जिससे विभिन्न कार्यों के लिए आये दर्जनों लोगों को परेशान होना पड़ा. आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से आए लोगों को बैरंग लौटना पड़ा. कई लोग तो दिनभर साहब के आने का इंतजार करते रहे,लेकिन इंतजार की इंताह हो गई. इस संबंध में पंचायत सचिव का पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल पर कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया,लेकिन हर बार उनका फोन बिजी बताते रहा. इस संबंध में आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि उक्त कर्मियों के उदासीन रवैये से प्रखंड प्रशासन हीं नहीं बल्कि अनुमंडल से लेकर जिला प्रशासन तक अवगत है,लेकिन पता नहीं आख़िरकार क्यों उक्त लापरवाह कर्मियों के खिलाफ उच्च अधिकारी एक्शन नहीं लेते हैं. जबकि जानकार बताते हैं कि प्रखण्ड विकास पदाधिकारी,अनुमंडल पदाधिकारी,जिला पंचायती राज पदाधिकारी,जिला पदाधिकारी के कार्यालय से पंचायत कार्यालय में कर्मियों को ससमय नहीं बैठने के कारण कई बार स्पष्टीकरण निकल चुका है,लेकिन फिर भी उपरोक्त कर्मियों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है,फिलवक्त पंचायत कार्यालय में कर्मियों को नहीं बैठने के कारण ग्रामीणों को प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है और इन दिनों ग्रामीणों का कोई भी समस्याओं का समाधान पंचायत कार्यालय में नहीं हो पा रहा है. इससे तो ऐसा हीं प्रतीत होता है कि सिर्फ कागजी कोरम पूरा करने के लिए हीं प्रखंड से लेकर जिला स्तर तक के कार्यालय से स्पष्टीकरण व आदेश निकाली जाती है. इधर आरटीआई कार्यकर्त्ता युवराज कुमार यादव का कहना है कि इन दिनों भरगामा प्रखंड क्षेत्र में पंचायत कार्यपालक सहायक का बोलबाला है,जिससे आमलोग त्रस्त है. इसके पीछे मूल कारण है कि पिछले पांच वर्षों से एक हीं स्थान पर उक्त कर्मियों का जमे रहना. आगे उन्होंने भरगामा प्रखंड के सभी 20 पंचायतों के पंचायत कार्यपालक सहायक के कार्यशैली पर गंभीर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कहा कि वर्तमान समय में पंचायत कार्यपालक सहायक कार्य कम और दादागिरी ज्यादा करते हैं,अपने आपको सर्वोपरि समझते हैं,बताया कि यहां पंचायत कार्यपालक सहायक के मनमानी के अनुसार हीं काम होता है. बताया कि पंचायत कार्यपालक सहायक को भ्रम हो गया है कि संविधान कि सभी सक्तियां केवल और केवल उनमें हीं समाहित हो गया है शायद इसलिए उक्त पंचायत कार्यपालक सहायक अपने वरीय अधिकारियों की भी आदेश को नहीं मानते हैं.

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