:दो दर्जन से अधिक स्कूलों में घुसा पानी, कई सड़क भी हुआ ध्वस्त।
बिहार न्यूज़ लाईव मधेपुरा डेस्क: जिला संवाददाता रंजीत कुमार
मधेपुरा के आलमनगर चौसा और फुलौत के कई इलाका जलमग्न,टापू में तब्दील है दो दर्जनों से अधिक गांव,वहीं करीब दो दर्जन से अधिक सरकारी स्कूल में घुसा उफनाती कोसी नदी का पानी, हजारों एकड़ धान फसल भी हुआ बर्बाद, यातायात को लेकर सिर्फ नाव हीं सहारा है। मुवावजे और सरकारी राहत को लेकर आस लगाए बैठे हैं स्थानीय बाढ़ प्रभावित पीड़ित। दरअसल आलमनगर,चौसा और फुलौत के कई निचले इलाका जलमग्न है दो दर्जन से अधिक गांव प्रभावित है। वहीं कई गांव का संपर्क मुख्य मार्ग से टूट गया है। सब से ज्यादा पशु को हो रही है परेशनी स्थानीय बाढ़ पीड़ितों का कोई सुध्धि लेना वाला नहीं टापू नुमा गांव में भगवान भरोसे लोग किसी तरह जिंदगी गुजारने पर बेबस हैं। हजारों एकड़ में लगे धान की फसल भी बाढ़ के चपेट में है ।
दूर दूर तक पानी हीं पानी नजर आ रहा है आधे दर्जन से अधिक सड़क और पुल पुलिया ध्वस्त हो चुकी है। बता दें कि सब से ज्यादा प्रभावित है इलाका फुलौत पूर्वी, फुलौत पश्चिमी, मोरसंडा , चिरौरी, पैना, चंदा, घसकपुर, अजगैवा, अमनी, पिहुरा बासा, करेलिया, बरबीघघी, सपनी मुसहरी, कंचननगर,शैलेश स्थान, पनदही,समेत 6 पंचायतों के दो दर्जन से अधिक गांव में बाढ़ ने दस्तक दे दी है। हालांकि फिलहाल इन इलाकों में सरकारी स्तर पर कोई मुक्म्बल व्यवस्था नहीं है। स्थानीय लोग किसी तरह भगवान भरोसे जिंदगी काट रहे हैं। वहीं बाढ़ पीड़ित और स्थानीय जनप्रतिनिधि जिला प्रशासन और सरकार से मुवावजे की आस लगाए बैठे हैं स्थानीय लोग बाढ़ की स्थाई निदान हेतु सरकार से रिंग बांध की मांग कर रहे है ताकि हर साल आने वाली बाढ़ से मुक्ति मिल सके।
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