एनके राय/वाराणसी
लंबोदर भुज चतुर गजानन, रिद्धि-सिद्धि चवँर डोलावत – जय जय अमृत विनायक जय- जय …..। सोमवार को शारदा भवन का गणेश दरबार संगीत मय हो गया। मौका था गणेश उत्सव के तीसरे दिन सांयकाल भजन व संगीत के उद्भट कलाकारों की प्रस्तुति।
प्रारंभ शिउली भट्टाचार्य के मधुर गायन से हुआ। तत्पश्चात ख्यात गायक पं. गणेश प्रसाद मिश्र द्वारा राग आभोगी में, हे गण नायक सिद्धि विनायक…। पिया डर लागे मनवा……। व दादरा में डगर बिच कैसे चलूँ, मत रोके कन्हैया बे पीर ……। आदि ने उपस्थित श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। इनकी पांचवी प्रस्तुति बंदिश की ठुमरी एक ताल में ,निबध हटो जा वो री न बोलो कान्हा …ने तो खूब तालियाँ बटोरीं। इनके साथ तबला पर पं. ललित कुमार,बंशी पर डॉ. शनिष ज्ञावली सारंगी पर अनीश मिश्र व तानपुरा पर श्री शुभ मिश्र ने संगत किया।
तीसरे चरण में पं.वीरेंद्र नाथ मिश्र व डॉ.अंकुर मिश्र के युगल सितार वादन की काफी प्रशंसा हुई। तबले पर पं.नन्द किशोर मिश्र ने साथ दिया। मंच का संचालन डॉ. विनोद राव पाठक ने किया। स्वागत यादव राव पाठक व संयोजन स्मिता वी. पाठक ने सपरिवार किया।
Comments are closed.