रंजीत कुमार/मधेपुरा
अपर समाहर्ता, मधेपुरा अरुण सिंह की अध्यक्षता में जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, मधेपुरा के साथ दीप प्रज्ज्वलित कर 11वीं कृषि गणना संदर्भ वर्ष 2021-22 से संबंधित द्वितीय चरण एवं तृतीय चरण से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत की गयी।
कृषि संगणना देश में कृषि सांख्यिकी के संग्रह की व्यापक प्रणाली का हिस्सा है। कृषि संगणना के माध्यम से देश में कृषि प्रचालन जोतो के महत्वपूर्ण पहलुओं पर बुनियादी डेटा एकत्र करने का प्रयास किया जाता है। कृषि के विकास के लिए सूक्ष्म स्तर पर निर्णय लेने के लिए एक कृषि प्रचालन जोत अंतिम इकाई होती है। यही कारण है कि कृषि की संरचना का वर्णन करने के लिए एक प्रचालन जोत को डेटा संग्रह की सांख्यिकीय इकाई के रूप में लिया जाता है। कृषि संगणना के माध्यम से एकत्र किये गए डेटा का एकत्रीकरण प्रशासनिक इकाईयों के विभिन्न स्तरों जैसे गांव, अंचल, उपजिला/ब्लाॅक, जिला, राज्य और पूरे भारत में किया जाता है।
आवधिक कृषि संगणना महत्वपूर्ण है क्योंकि ये प्रचालन जोंत की बुनियादी विषेशताओं जैसे, भूमि उपयोग और फसल पैटर्न, सिंचाई और कास्तकारी विवरण के बारे में जानकारी का मुख्य स्त्रोत है। जो विकास योजनाएं, समाजिक-आर्थिक, नीति निर्माण और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं की स्थापना के लिए आवश्यक है। कृषि गणना के चरण-2 में प्रत्येक अंचल में चयनित 20 प्रतिशत नमूना गाँव से जोत की विषेशताओं जैसे, फसल पैटर्न, सिंचाई की स्थिति आदि पर डेटा एकत्र किया जाना है।
कृषि गणना के चरण-3 में प्रत्येक अंचल में 7 प्रतिशत नमूना गाँव की चयनित जोतों से प्रचालन जोतों के इनपुट उपयोग पैटर्न पर डेटा एकत्र किया जाना है।
डेटा संग्रह का कार्य राजस्व कर्मचारी के द्वारा किया जाना है जिसका सुपरविजन कार्य राजस्व अधिकारी द्वारा किया जाएगा। जिला स्तर पर अपर समाहर्ता, मधेपुरा एवं जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, मधेपुरा के द्वारा निरीक्षण किया जाएगा।
प्रशिक्षण में अपर समाहत्र्ता, मधेपुरा, जिला संख्यिकी पदाधिकारी, मधेपुरा मास्टर प्रशिक्षक अंचल अधिकारी, सिंहेश्वर, मधेपुरा जिला के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, सभी अंचल अधिकारी, सभी राजस्व अधिकारी, सभी प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी एवं सभी राजस्व कर्मचारी उपस्थित थे।