मुंगेर से निरंजन कुमार की रिपोर्ट
राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के आदेशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में रविवार को सदर अस्पताल में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन हुआ। कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकथाम निषेध और निवारण अधिनियम, 2013 की जानकारी दी गई। विषय की गंभीरता को देखते हुए सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिन्हा ने सदर अस्पताल में चल रहे स्वास्थ्य कार्यकर्ता( आशा) के गैर संचारी रोग रोकथाम, निरंतरण प्रशिक्षण में उक्त जानकारी देने को कहा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गैर संचारी रोग निवारण के जिला नोडल पदाधिकारी डॉ के रंजन ने कहा की कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर मामला के कारण भी महिलाएं तनाव की शिकार होती है परिणाम उच्च रक्तचाप, मधुमेह जैसे गैर संचारी रोग से ग्रसित रोगी हो जाती है। जिले के बरियारपुर प्रखंड के झौआबहियार एवं हरिनमार से आए आशा, एएनएम को संबोधित करते हुए पैनल लॉयर रेखा कुमारी ने कहा कि कार्य स्थल पर यौन उत्पीड़न के खतरे से निपटने के लिए भारतीय संसद ने कार्य स्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकथान, निषेध और निवारण अधिनियम, 2013 पारित किया जिसका उद्देश्य कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के खिलाफ संरक्षण।
यौन उत्पीड़न की रोकथाम यौन उत्पीड़न की शिकायतों का निवारण एवं इससे जुड़े या होने वाले मामलों से निपटना मुख्य उद्देश्य है। वही, पारा स्वंय सेवक निरंजन कुमार ने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकार समाज के कमजोर वर्गों को नि:शुल्क और सक्षम कानूनी सेवाएं प्रदान करती है यह सुनिश्चित करती है कि आर्थिक या अन्य अक्षमताओं के कारण कोई भी नागरिक न्याय हासिल करने से वंचित न रहे। कहा की विवादों के सौहार्दपूर्ण निपटारे के लिए लोकअदालतों का आयोजन होता है।
इस अवसर पर लेखापाल उत्तम कुमार, प्रशिक्षक राजीव कुमार ब्रजेश कुमार नशा उन्मूलन सलाहकार नितिन आनंद कर्मी राहुल कुमार( आशा) सुषमा कुमारी, नीरा कुमारी, रेणु देवी, कविता कुमारी, ममता कुमारी, सहीत अन्य मौजूद थे।