31 सांसदों वाली जल संसाधन स्थायी समिति के अध्यक्ष बने सारण सांसद रुडी

Rakesh Gupta
- Sponsored Ads-

 

• समिति की दूसरी बार अध्यक्षता करेंगे रुडी,

• 2018 में पहली बार बने थे समिति के अध्यक्ष

- Sponsored Ads-

• नमामि गंगे समेत सिंचाई की योजनाओं का कार्यान्वयन समिति के जिम्मे

• प्राक्कलन, परिवहन पर्यटन और संस्कृति पर संसदीय स्थायी समिति के भी सदस्य है सांसद रुडी

• जल संसाधन विभाग

• जल संसाधन विभाग की 7000 करोड़ की योजना का कार्यान्वयन सारण क्षेत्र में चल रहा है

सारण, 27 सितंबर, 2024 । नमामि गंगे समेत केन्द्र प्रायोजित सिंचाई की विभिन्न योजनाओं को अब जनहित के कार्यरूप में परिणत करेंगे सारण लोकसभा संसदीय क्षेत्र के सांसद श्री राजीव प्रताप रुडी। लोकसभा और राज्यसभा के 31 सांसदों वाली संसदीय स्थायी समिति ‘जल संसाधन समिति’ के नये अध्यक्ष बने है सारण सांसद श्री रुडी। शुक्रवार को श्री रुडी ने संसदीय सौंध स्थित समिति के कार्यालय में अध्यक्ष के रूप में अपना कार्यभार संभाला। कार्यभार संभालने से पूर्व, कार्यालय में विभाग के अपर सचिव श्रीमती सुमन अरोड़ा और निदेशक श्री अजय सुद ने पुष्प गुच्छ देकर श्री रुडी का स्वागत किया।

श्री रुडी पहलीबार उर्जा समिति के अध्यक्ष बने थे। इसके पहले भी सांसद वर्ष 2018 में जल संसाधन समिति की अध्यक्षता कर चुके है। श्री रुडी पहली बार ऊर्जा समिति के अध्यक्ष बने थे। अब अपने संसदीय जीवन की छठी पारी में दूसरी बार जल संसाधन स्थायी समिति के अध्यक्ष बने है। विदित हो कि जल संसाधन समिति संसद की स्थायी समितियों में से एक है जिसके अन्तर्गत जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प के कार्य है।

 

श्री रुडी ने अध्यक्ष का कार्यभार संभालने के पश्चात विभाग के सचिव व निदेशक के साथ बजट पर विमर्श किया। श्री रुडी ने बताया कि संबंधित मंत्रालय को मार्गदर्शन प्रदान करना समिति का मूल कार्य है। मालूम हो कि समिति विभिन्न अनुदान मांगो पर विचार करने के साथ ही उस पर रिपोर्ट बनाती है। साथ ही समिति उन बिलों की भी जांच करती है जिनमें समिति को संदर्भित किया जाता है। समिति के अंतर्गत माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की कई महत्वाकांक्षी योजनाएं आती है ।

 

जिनका कार्यान्वयन और भविष्य की योजनाओं की प्लानिंग भी इसके द्वारा किया जाता है।जल संसाधन विभाग के अंतर्गत 7 हजार करोड़ की योजना का कार्यान्वयन सारण क्षेत्र में चल रहा है। इससे न केवल किसानों को सिंचाई में मदद मिलेगी बल्कि नमामि गंगे योजना के तहत जल निकासी की योजना और बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के राहत और बचाव कार्यों में मदद मिलेगी।

- Sponsored Ads-

Share This Article