रंजीत कुमार/ मधेपुरा
जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से मंगलवार को मधेपुरा मंडल कारा और उदाकिशुनगंज में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 479 की जानकारी दी गई। एलएडीसीएस सीपी चंदन ने बताया कि सीआरपीसी की जगह एक जुलाई से लागू हुई भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 479 विचाराधीन कैदियों को अधिकतम जेल में रखने के बारे में प्रावधान करती है।
इस कानून के मुताबिक उम्रकैद और मृत्युदंड की सजा के अलावा किसी अपराध में आरोपित विचाराधीन कैदी अगर कुल सजा की आधी सजा काट लेता है तो कोर्ट उसे जमानत पर रिहा कर सकता है।
पैनल अधिवक्ता आलोक कुमार सिन्हा, नूतन किसलय ने बताया कि अधिक से अधिक सजा की अवधि को भुगत चुके बंदी यदि एक तिहाई सजा काट चुके हैं, तो जमानत याचिका दायर कर सकते हैं।