अंकित सिंह,भरगामा(अररिया) भरगामा प्रखंड क्षेत्र के जयनगर में काली मंदिर सैकड़ो वर्षों से आस्था का केंद्र बना हुआ है. यहां काफी दूर-दूर से श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने और मन्नतें मांगने आते हैं. बताया जाता है कि 365 साल पूर्व यहां तत्कालीन पुजारी बैधनाथ झा ने पूजा शुरू करायी थी. तब से नियमित पूजा होते आ रही है. फिलहाल इस माँ काली मंदिर में वर्तमान पुजारी तारानंद झा के देखरेख में पूजा-अर्चना होती है.
जयनगर वाली दक्षिणेश्वरी काली सच्चे भक्तों की हर मुरादें करती हैं पूरी
मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद मां काली से जो मांगी जाती है वह पूरी हो जाती है. मंदिर के मुख्य पुजारी तारानंद झा ने बताया कि यूं तो हर रोज लोग मां काली के दर्शन के लिए श्रद्धालु आते रहते हैं. लेकिन काली पूजा में विशेष रूप से पूरे विधि-विधान के साथ भव्य तरीके से मां काली की पूजा-अर्चना की जाती है. काली पूजा के मौके पर मेला भी लगता है. पूजा कमेटी इसकी तैयारी में जुट गई है. ज्ञात हो कि इस मंदिर का स्थापना वर्ष 1659 में मंदिर के वर्तमान पंडित तारानंद झा के पूर्वज वैधनाथ झा दक्षिणेश्वरी काली मंदिर कलकत्ता से मिट्टी लाकर पंडित रामकृष्ण परमहंस के द्वारा कच्ची मंदिर का स्थापना किया था. तब से इस मंदिर का पूजा-पाठ देखभाल,रखरखाव उनके वंशज द्वारा किया जा रहा है. बताया जाता है कि इस मंदिर का पक्की पुनर्निर्माण वर्ष 2000 में कराया गया है. इतना हीं नहीं वर्ष 1659 से हीं दीपावली के 9 दिन पहले से नवाह संकीर्तन करवाया जाता आ रहा है. मंदिर के वर्तमान पंडित तारानंद झा के छोटे भाई कलानंद झा के द्वारा यहां दीपावली के रोज हजारों की संख्या में छागर,पाड़ा का बली प्रदान किया जाता है. यहां के ग्रामीणों का मानना है कि इस मंदिर में जो भी भक्त सच्चे मन से अपनी मुरादें लेकर आते हैं उनकी मुरादें माता अवश्य पूरी करती है.
22 अक्टूबर से शुरू होगा नवाह संकीर्तन
काली मंदिर के व्यवस्थापक हीरानंद झा,कलानंद झा,अनिल झा,बिनोदानंद झा,अमोदानंद झा,भालचंद्र वत्स,राजकिरन वत्स,मनोहर वत्स,आलोक वत्स,मयंक मनभावन,मुरारी झा,शरतचंद्र वत्स,राजतचंद्र वत्स,जीवत्स झा,राहुल झा,अजय झा,सूरज झा,गोल्डी मिश्रा,ऋतिक झा,रंजन चौधरी,निरज मिश्र,धनंजय वत्स आदि ने बताया कि इस वर्ष दीपावली के शुभ अवसर पर 22 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक 9 दिनों का भक्ति जागरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.
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