*पांच दिन में दस लाख भक्तों ने स्वर्णमई माँ का किया दर्शन*
संवाददाता गौतम कुमार झा
वाराणसी:काशी धर्म की नगरी है यहाँ कोई भूखा नहीं सोता है स्वयं बाबा विश्वनाथ ने माँ अन्नपूर्णा क़े आगे झोली फैला कर आम जन क़े लिये अन्न को मांगा था अन्न देवी कहे जाने वाली माँ अन्नपूर्णा का पांच दिवसीय स्वर्णमई दर्शन का पांचवा व आख़री दिन था।
अन्नकूट को लेकर भक्तों को सालो इंतजार रहता हैं अन्नपूर्णेश्वरी के दरबार में हजारों भक्त प्रसाद ग्रहण करना चाहते हैं क्योंकि माता के दरबार के प्रसाद अपना महत्व ही महत्व है।अन्नकूट पर कच्चा पक्का मिला कर 521 कुंतल का भोग लगा सैकड़ो तरह की मिठाई व दर्जनों प्रकार क़े नमकीन रहें।अपराह्न 1 बजे माता अन्नपूर्णा की विशेष आरती कर भोग लगाया गया ।
आरती में 11 ब्राह्मण 51 डमरू दल व भक्त गणों क़े जयकारे से गुंजायमान रहा माँ का दरबार।
अन्नकूट भोग आरती क़े बाद प्रथम तल पे माँ स्वर्णमई गर्भ गृह में आरती की गई उसके बाद महंत शंकर पूरी ने भक्तों में प्रसाद खिलाने को कहा और बताया की ये परम्परा काफी पुरानी हैं ।आज क़े दिन अन्नकूट का विशेष महत्व होता हैं देश विदेश से भक्त प्रसाद खाने पहुंचते सारे कष्ट दूर होते हैं धन धान्य भरा रहता है।
मंदिर प्रबंधक काशी मिश्रा ने पांच दिवसीय स्वर्णमई अन्नपूर्णा दर्शन को लेकर बताया की पांच दिन में लगभग दस लाख लोग माता दरबार में मत्था टेका सभी को धन्यवाद देना चाहुंगा मंदिर में लगे सेवादार हो या फिर प्रशाशनिक व्यवस्था हो सब ठीक रहा मंदिर में बने कंट्रोल रूम से सभी भी नजर रखा गया|
अन्नकूट क़े दिन भक्तों की भारी कतार लगी हुई थीं गोदौलिया तक कतार पहुंच चुकी थीं देर शाम को भीड़ समान्य हुई|
भोग आरती क़े बाद हजारों की संख्या में भक्तों ने बैठ कर प्रसाद ग्रहण करना शुरू किया मंदिर महंत शंकपुरी ने आये भक्तों को प्रसाद परोशा हजारों की संख्या में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया|
अनकूट पर्व पे जज व शाशनिक प्रशासनिक, राजनेता और काशी क़े गणमान्य लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया|