अंकित सिंह,भरगामा(अररिया) भरगामा प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों में बना पंचायत भवन शोभा का वस्तु बना हुआ है. अधिकतर पंचायत कार्यालय का ताला नियमित रूप से नहीं खुल रहा है. मालूम हो कि आम जनताओं का सामान्य कार्य पंचायत कार्यालय में हीं हो इसके लिए सरकार के द्वारा सभी पंचायतों में पंचायत कार्यालय का निर्माण कराया गया है. इस कार्यालय को निर्माण करवाने से सरकार को ऐसी उम्मीद थी कि आमलोगों को सामान्य कार्य के लिए प्रखंड मुख्यालय का चक्कर लगाने से बचाया जायेगा,लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते सरकार की इस उम्मीदें पर पानी फिरता नजर आ रहा है.
ग्रामीणों का कहना है कि पंचायती राज व्यवस्था को साकार करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाया इसके तहत सभी ग्राम पंचायतों में पंचायत भवनों का भी निर्माण कराया पर सरकार की यह मंशा कामयाब नहीं हो सकी है. क्यूंकि भरगामा प्रखंड क्षेत्र का अधिकतर पंचायत भवन बंद हीं रहता है. जिसके चलते आमलोगों को छोटे-छोटे कार्यों के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि ग्रामीणों कि शिकायत पर 18 नवंबर को कार्य दिवस के दौरान प्रखंड क्षेत्र के कुसमोल,सिरसिया हनुमानगंज,रघुनाथपुर उत्तर,हरीपुरकला,धनेश्वरी,बीरनगर पूरब,जयनगर,बीरनगर पश्चिम पंचायतों का जायजा लिया गया तो यहां पंचायत सचिव,कार्यपालक सहायक,राजस्व कर्मचारी,तकनीकी सहायक,लेखापाल,विकास मित्र,कचहरी सचिव,किसान सलाहकार,पंचायत रोजगार सेवक,आवास सहायक स्वच्छता पर्यवेक्षक आदि कोई भी कर्मी इस कार्यालय में नहीं मिले यानि कि इस कार्यालय में पूर्ण रूपेण ताला बंद पाया गया. इस संबंध में जब स्थानीय ग्रामीणों से पूछा गया तो लोगों ने बताया कि विशेष कार्यक्रम के दौरान हीं कोई भी कर्मी इस कार्यालय का चंद्र मिनटों के लिए ताला खोलता है.
इस बाबत प्रमंडलीय आयुक्त संजय दूबे का कहना है कि अगर कार्य दिवस के दौरान पंचायत कार्यालय में ताला लटका रहता है या फिर रोस्टर के अनुसार कर्मी ड्यूटी से गयाब रहते हैं तो ऐसी स्थिति में स्थानीय पदाधिकारियों को सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए. अगर स्थानीय संबंधित पदाधिकारियों के द्वारा इस ओर आवश्यक पहल नहीं किया जा रहा है तो ऐसी स्थिति में फिलहाल अतिशीघ्र सभी पंचायत कार्यालय का ताला खुलवाने के लिए डीएम को निर्देशित किया जा रहा है. बताया गया कि किस परिस्थिति में पंचायत कार्यालय में ताला बंद रहता है इसका रिपोर्ट मंगवाया जा रहा है इसके बाद संबंधित लापरवाह कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.