सिवान :जिला पदाधिकारी, सिवान के द्वारा बाल विवाह मुक्त भारतअभियान के अंतर्गत समाहरणालय में पदाधिकारीगण एवं कर्मीगण को शपथ दिलाई गई।बाल विवाह एक गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन है जो सीधे तौर पर लड़कियों और लड़कों के जीवन, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को खतरे में डालकर उनके भविष्य की संभावनाओं को सीमित करता है।
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 से देश भर में लागू है।जिसके तहत 18 वर्ष से कम आयु की लड़कियां एवं 21 वर्ष से कम आयु के लड़कों की शादी निषेध है। इसका उल्लंघन करने वाले पर करने पर 2 साल की सजा तथा एक लाख रुपए का जुर्माना अथवा दोनों सजा का प्रावधान है।
भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का प्रारंभ आज दिनांक 27 नवंबर 2024 से किया जा रहा है। जिसके तहत देश भर में बाल विवाह जैसी कुरीतियों पर जागरूकता के माध्यम से अंकुश लगाने का कार्य किया जाना है। इसके सफल कार्यान्वयन हेतु सभी विभागों के पदाधिकारी एवं कर्मियों, स्कूल-कॉलेज के शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं, अस्पतालों के चिकित्सकों एवं चिकित्सा कर्मियों, अधिवक्ताओं एवं पुलिस कर्मियों सभी को बाल विवाह मुक्त भारत संबंधी शपथ लेनी है।अतः बाल विवाह जैसी कुरीति को रोकने के उद्देश्य से व्यापक जन-जागरूकता अभियान की आवश्यकता जिला पदाधिकारी ने बताई।
बाल विवाह एक सामाजिक बुराई और कानून का उल्लंघन है, जो बालिकाओं की शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य और विकास में बाधा है, तथा उनके सपनों को साकार होने से रोकता है।
निम्न बातों के जरिए शपथ ग्रहण किया गया-
• मैं बाल विवाह के खिलाफ हर संभव प्रयास करूँगा / करूँगी।
• मैं सुनिश्चित करूँगा / करूँगी कि मेरे परिवार, पड़ोस और समुदाय में किसी बालिका का बाल विवाह न हो।
• मैं बाल विवाह के किसी भी प्रयास की सूचना पंचायत और सरकार को दूँगा/ दूँगी।
• मैं सभी बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा के लिए भी अपनी आवाज बुलंद करूँगा/ करूँगी और बाल विवाह मुक्त भारत का निर्माण करूँगा / करूँगी।
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