बीपीएससी और कोचिंग माफिया की भूमिका की जांच सीबीआई या सिटिंग जज से करायी जाय: शक्ति सिंह यादव

Rakesh Gupta

 

पटना :बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, अरूण कुमार यादव एवं प्रमोद कुमार सिन्हा के साथ संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बीपीएससी और कोचिंग माफिया की भूमिका की जांच सीबीआई या सिटिंग जज से करायी जाय। क्योंकि इस मामले में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है और सत्ता संरक्षित माफियाओं के द्वारा अभ्यर्थियों के साथ न्याय नहीं हो इसके लिए लगातार आन्दोलन की दिशा को भटकाया जा रहा है।

श्री शक्ति सिंह यादव ने आगे कहा कि अफसोस की बात है कि बीपीएससी और राज्य सरकार छात्रों से हीं धांधली के संबंध में साक्ष्य मांग रही है, यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। जबकि सभी को पता है कि किस तरह से बीपीएससी के परीक्षा में धांधली हुई और बापू परीक्षा केन्द्र की परीक्षा को रद्द करके दोबारा परीक्षा लिये गये जो कहीं न कहीं परीक्षार्थियों के साथ अन्याय हुआ है और बीपीएससी जो कहती थी कि नार्मलाईजेशन नहीं लागू करेंगे उसी ने दो तरह का परीक्षा लिया। यह स्पष्ट रूप से प्रमाणित हो गया।

इन्होंने आगे कहा कि सत्ता संरक्षित बेबी प्रोजेक्ट और बाजारू शिखंडी को किस तरह से सरकार और भाजपा ने इस्तेमाल किया और उनकी इस आन्दोलन को दूसरी दिशा में भटकाने का जो प्रयास था वो कैसे आगे बढ़ाया गया यह स्पष्ट रूप से दिखा। जो लग्जरी वैनेटी वैन एक्टर्स ने लिया उसमें भाजपा की भूमिका की बातें सामने आ रही है। यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि इनको किसने माध्यम बनाया छात्रों के आन्दोलन को दिग्भ्रमित और दिशाहीन करने के लिए। आज जब सरकार और उनके किरदार की भूमिका के मामले पर बेबी प्रोजेक्ट के साथ सरकार के सांठ-गांठ की पोल खोली जानी थी तो उससे पहले उन्हें गिरफ्तार करने का खेल खेला गया। और उन पर वैसे मामले बनाये गये जो उनके बेल का आधार बना। स्पष्ट है कि उनके द्वारा जिस तरह से पटना की महिला एसपी को अभद्र भाषा इस्तेमाल किया गया था या एक प्रतिष्ठित चैनल की महिला पत्रकार के साथ दुव्र्यवहार और अमर्यादित भाषा इस्तेमाल किया गया था उसके बाद भी उन पर कोई मामले नहीं दर्ज किये गये। यही अगर कोई दूसरा विपक्षी दल का नेता होता तो सरकार शासन-प्रशासन उनके साथ कैसा व्यवहार करती ये समझा जा सकता है।

इन्होंने फोटो दिखाते हुए कहा कि जेल सुप्रीटेंडेंट के यहां छापा पड़ता है लेकिन आर्थिक अपराध इकाई बेबी प्रोजेक्ट के साथी उस नीरज पर कार्रवाई क्यों नहीं करती है जो इस तरह के कार्यों में लिप्त रहे हैं और जिनकी भूमिका बहुत सारे मामले में सामने आये हैं। लेकिन शासन-प्रशासन इस तरह के लोगों को बचाने में लगी हुई है।

श्री शक्ति सिंह यादव ने आगे कहा कि बिहार में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। बीजेपी के कब्जे में सीएमओ है और मुख्यमंत्री स्वयं टायर्ड हो चुके हैं और रिटायर्ड पदाधिकारी अपने मर्जी और मनमानी से सरकार चला रहे हैं। बिहार में बीपीएससी अभ्यर्थियों के साथ न्याय हो इसके लिए नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव डे फस्र्ट से उनके साथ खड़े हैं और उनको जब तक न्याय नहीं मिल जाता है तब तक उनके साथ खड़े रहेंगे। बिहार में परीक्षा पेपर लीक कराने वाला एक बड़ा गैंग कार्यरत है और वो सभी प्रतिष्ठित परिक्षाओं को प्रभावित अपने अनुसार करता है और इसमें बड़े लोगों की संलिप्ता सामने है। बिहार में बीपीएससी टीआर-3 की परीक्षा प्रश्न पत्र लीक हुए, सीएचओ के मामले में जिसे परीक्षा की जिम्मा दी गई उसी ने सौ करोड़ रूपये की डील की यह आर्थिक अपराध इकाई की जांच में प्रथम दृष्टया मामले सामने आये हैं। लेकिन उस मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। अब तक मुख्यमंत्री जी ने बीपीएससी अभ्यर्थियों के संबंध में एक शब्द नहीं बोला है लेकिन उनका जब मुंह खुलता है तो 2005 के बाद की सुन्दरता की खोज और उनके द्वारा अपने बखान से स्पष्ट होता है कि वो बिहार में सरकार अभ्यर्थियों के प्रति गंभीर नहीं है।

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