मधेपुरा:प्रशांत किशोर और BPSC अभ्यर्थियों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई निंदनीय।

Rakesh Gupta

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:जन सुराज बिहार के युवाओं के लिए सत्याग्रह जारी रखेगा: जिला मुख्य प्रवक्ता रंजीत सिंह

रंजीत कुमार/ मधेपुरा

जन सुराज पार्टी के जिला मुख्य प्रवक्ता रंजीत सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मधेपुरा में पटना में पार्टी के नेता प्रशांत किशोर के खिलाफ हुई कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। रंजीत सिंह ने बताया कि प्रशांत किशोर BPSC छात्रों के समर्थन में उनकी मांगों को लेकर गांधी मैदान में शांतिपूर्ण तरीके से 2 जनवरी से अनशन पर बैठे थे। 6 जनवरी की सुबह करीब 4 बजे पुलिस ने अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर, BPSC छात्रों और अन्य समर्थकों को बलपूर्वक अनशन स्थल से हटाया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। लोकतंत्र में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करना देश के हर नागरिक का मौलिक अधिकार है। गांधी मूर्ति के नीचे अगर बैठ कर कोई सत्याग्रह कर रहा है तो इसमें क्या गुनाह है? सरकार को इस बात का जवाब देना चाहिए।

प्रशांत किशोर ने सत्याग्रह करने का आह्वान 30 दिसंबर को किया था, छात्रों की मांग मानने के लिए सरकार को दिए थे 2 दिन

रंजीत सिंह ने आगे बताया कि जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर जी 2 जनवरी 2025 से लगातार आमरण अनशन पर हैं। बिहार में BPSC परीक्षा में हुई धांधली और अनियमितताओं के खिलाफ छात्रों के आंदोलन को समर्थन देते हुए प्रशांत किशोर सबसे पहले 29 दिसंबर को पटना के गांधी मैदान में छात्र संसद में शामिल हुए थे। छात्र संसद में ये निर्णय हुआ कि मार्च निकाला जाए। पुलिस ने छात्रों के मार्च को जेपी गोलंबर पर रोक दिया था। प्रशांत किशोर जी छात्रों के प्रतिनिधिमंडल और हजारों छात्रों के साथ इस मार्च का नेतृत्व कर रहे थे। अधिकारियों ने छात्रों के प्रतिनिधिमंडल को बिहार के मुख्य सचिव से मिलवाने का वादा किया और सभी छात्रों से मार्च को खत्म करने की अपील की। प्रशांत जी ने भी ये बात मीडिया और छात्रों के साथ साझा किया। इसके प्रशांत जी और ज्यादातर छात्र वहां से लौट गए। इसके बाद पुलिस ने कायरतापूर्ण कार्रवाई करते हुए कुछ बचे हुए सैकड़ों छात्र पर लाठियां बरसाई, पानी की बौछार की और उन्हें बेरहमी से पीटा। इस घटना से प्रशांत किशोर जी बेहद आहत हुए। हालांकि अगले दिन छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने बिहार के मुख्य सचिव से मुलाकात की और अपनी बातों को रखा। प्रशांत किशोर जी ने 30 दिसंबर को कहा कि अगर सरकार 2 दिनों में छात्रों की मांगों पर विचार नहीं करती है तो वो खुद 2 जनवरी से BPSC के छात्रों के साथ सत्याग्रह करेंगे।

सरकार ने BPSC छात्रों की मांगें नहीं मानी। इसके बाद 2 जनवरी से प्रशांत किशोर जी छात्रों के साथ पटना में गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के नीचे आमरण अनशन पर बैठ गए। उन्हें लगातार छात्रों का समर्थन मिलता रहा और बिहार के सभी ज़िलों के युवा, छात्र और उनके माता-पिता इस अभियान से जुड़ते चले गए और बड़ी संख्या में लोग पटना के गांधी मैदान पहुंच कर प्रशांत जी को अपना समर्थन देने लगे। प्रशांत जी को पूरे बिहार से मिल रहे इस व्यापक समर्थन से घबरा कर नीतीश और भाजपा की सरकार ने एक बार फिर कायरता दिखाई और 6 जनवरी के अहले सुबह करीब 4 बजे प्रशांत किशोर जी समेत सभी अनशनकारियों को जबरन उठाकर ले गई और गिरफ्तार कर उनके ऊपर FIR कर दिया। प्रशांत जी को पुलिस 5 घंटे से अधिक एंबुलेंस और फिर अन्य वाहन में पटना और उसके आसपास के इलाके में घुमाती रही। फिर उन्हें कोर्ट लेकर गई, जहां से उन्हें जमानत मिल गया।

प्रशांत किशोर का आमरण अनशन अस्पताल में भी जारी, छात्रों के साथ न्याय करने की मांग पर कायम है जन सुराज

छात्रों और आमलोगों ने इस पुलिसिया कार्रवाई का भारी विरोध किया। हजारों की संख्या में लोगों ने पटना में सड़क पर उतरकर प्रशांत किशोर और अन्य लोगों की गिरफ्तारी का विरोध किया। पुलिस ने प्रशांत किशोर जी को सिविल कोर्ट में पेश किया, जहां उन्होंने सशर्त बेल लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद उन्हें बेऊर जेल ले जाया गया। उनके बेऊर जेल पहुंचने के कुछ घंटों के भीतर ही कोर्ट ने उन्हें बिना शर्त जमानत दे दी। इस बीच प्रशांत किशोर जी ने अपना आमरण अनशन जारी रखा है। 7 जनवरी की सुबह प्रशांत जी की तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्हें ICU में शिफ्ट किया गया। उन्होंने कुछ खाने से इनकार कर दिया है और अस्पताल में भी अनशन जारी रखा है। जन सुराज पार्टी प्रशांत किशोर जी और BPSC छात्रों के खिलाफ पुलिस और सरकार की इस कायरतापूर्ण कार्रवाई की कड़ी निंदा करती है। हमारी मांग है कि सरकार छात्र सत्याग्रह समिति की सभी 5 मांगों को मान कर अविलंब छात्र हित में निर्णय लें अन्यथा ये आंदोलन और तीव्र होगा।

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