पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की, बताया संपूर्ण मानवता पर हमला-हाजी सलमान चिश्ती*

Rakesh Gupta
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*आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया*देश गंगा-जमुनी तहज़ीब और सूफी परंपरा के प्रतीक

*सम्पूर्ण मानवता और शांति के सिद्धांतों पर सीधा हमला

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(हरिप्रसाद शर्मा) अजमेर/जम्मू-कश्मीर में पहलगाम के समीप स्थित बैसरन घाटी में हाल ही में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस नृशंस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की निर्मम हत्या कर दी गई और 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस बर्बर कृत्य के बाद देश भर में आक्रोश और शोक की लहर दौड़ गई है।देश की गंगा-जमुनी तहज़ीब और सूफी परंपरा के प्रतीक, अजमेर शरीफ़ दरगाह के खादिम व चिश्ती फाउंडेशन के चेयरमैन हाजी सलमान चिश्ती ने इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे सम्पूर्ण मानवता पर हमला बताया है।

दरगाह खादिम हाजी सलमान चिश्ती की ओर से जारी संवेदनात्मक संदेश में कहा गया कि यह हमला न केवल निर्दोष पर्यटकों पर किया गया एक कायरतापूर्ण कृत्य है, बल्कि यह सम्पूर्ण मानवता और शांति के सिद्धांतों पर सीधा हमला है।दरगाह के प्रमुख खादिम हाजी सलमान चिश्ती ने कहा, हम इस अमानवीय और दिल दहला देने वाले हमले से अत्यंत व्यथित हैं। जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति हमारी गहरी संवेदना है। हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की दुआ करते हैं।

अजमेर शरीफ़ दरगाह ने इस अवसर पर देशवासियों से शांति, एकता और भाईचारे बनाए रखने की अपील की है। साथ ही यह भी कहा कि आतंकवाद का कोई मज़हब नहीं होता और इसे किसी भी धर्म या विचारधारा से जोड़ना एक बहुत बड़ी भूल होगी। दरगाह ने ज़ोर देकर कहा कि हमें मिलकर ऐसे आतंकी कृत्यों के खिलाफ एकजुट होना होगा और शांति, सहिष्णुता और मानवता के मूल्यों को संरक्षित करना होगा।

हाजी सलमान चिश्ती ने अपने संदेश में दरगाह ने भारत सरकार से यह भी आग्रह किया है कि इस हमले के दोषियों को शीघ्रता से गिरफ्तार कर न्याय के कठघरे में लाया जाए और आतंकवाद के विरुद्ध ठोस और निर्णायक कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसे हमलों की पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने दरगाह की ओर से यह भी अपील की गई कि मीडिया और समाज शांति और संयम बनाए रखें, अफवाहों से बचें और उन ताकतों को नाकाम करें, जो देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाना चाहती हैं। यह हमला एक बार फिर यह साबित करता है कि आतंकवाद आज भी विश्व और विशेषकर भारत के लिए एक गहरी चुनौती बना हुआ है। ऐसे समय में समाज के हर वर्ग को एकजुट होकर इस चुनौती का डटकर सामना करना होगा।

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