अररिया:बसमतिया पशु चिकित्सा केंद्र बंद रहने से पशुपालक परेशान

Rakesh Gupta
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उद्देश्य से दूर है प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय

अंकित सिंह,अररिया।

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नरपतगंज प्रखंड क्षेत्र के बसमतिया स्थित प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सा केंद्र बंद रहने से ग्रामीणों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। पशुपालक मो कलाम,बजरंग साह,नसीम अंसारी,रामपुमार पासवान,नवल गुप्ता,मतिन अंसारी,प्रभात मेहता,सौरव सिंह,पप्पू यादव,शंभू यादव,अमित यादव आदि के अनुसार बसमतिया पशु चिकित्सालय की स्थिति विगत कई वर्षों से दयनीय है। लोगों का कहना है कि पशुपालन विभाग के अधिकारी केवल कागजी कोरम पूरा कर करे हैं,जिसके कारण स्थानीय पशुपाल पशुओं को गंभीर बीमारी होने पर झोलाछाप पशु चिकित्सक के चुंगल में फंस जाते हैं।

बताया जाता है कि झोलाछाप पशु चिकित्सक के द्वारा बताए गए दवा से पशु की स्थिति और भी खराब हो जाती है। यहां तक कि पशु की मौत भी हो जाती है,लेकिन फिर भी कर्तव्यहीन डॉक्टर अपनी ड्यूटी से नदारद रहते हैं। यानि कि जिस उद्देश्य से उक्त चिकित्सालय को खोला गया था,उस उद्देश्य को पूरा करने में यह पूरी तरह विफल साबित दिख रहा है। फिलहाल उक्त पशु चिकित्सालय का नतीजा यह है कि अभी पूरी तरह दरवाजे बंद पड़ा हुआ है।

नतीजतन बसमतिया सहित दर्जनों गांवों के पशुपालकों को काफी परेशानी हो रही है। बता दें कि जो पशुपालक आर्थिक रूप से संपन्न हैं,वह अपने पशुओं का इलाज तो निजी चिकित्सकों से करा लेते हैं,लेकिन जो निर्धन पशुपालक हैं,वह अपने पशुओं का इलाज नहीं करा पाते हैं। पशुपालक मो कलाम ने बताया कि बडी मुश्किल से मवेशियों की खरीदारी होती है,क्योंकि जीवन यापन का सहारा गाय और भैंस हीं है। यदि गाय और भैंस की बीमारियों से मौत हो जाती है तो भुखमरी हो जाती है।

उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सालय के खुलने से पशुओं को समय पर उचित उपचार मिलने की उम्मीद है। पशुपालकों ने बताया कि सरकार की ओर से पशुओं की दवाइयां पर लाखों रुपये खर्च किया जाता है,लेकिन बसमतिया पशु चिकित्सा केंद्र में जो दवाई आती है वह दवाई कहां जाती है किसी को पता नहीं।

स्थानीय पशुपालक ने कहा कि इस मामले में अगर जल्द आवश्यक कार्रवाई नहीं की गई तो हमलोग जिला पदाधिकारी से मिलकर शिकायत करेंगे। वहीं इस मामले में प्रखंड पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर शगुफ्ता मंजर ने बताया कि बसमतिया पशु चिकित्सा केंद्र में मोहिनी ढोबरे पदस्थापित है,लेकिन चिकित्सकों की कमी के कारण यह स्थिति बनी हुई है। उन्होंने बताया कि अगर तत्काल किसी पशुपालक को पशु से संबंधित कोई जानकारी या दवा लेना है तो वह नरपतगंज चिकित्सालय आकर ले जा सकते हैं।

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