**कर्नल ने सोशल मीडिया पर खुद के स्वस्थ होने की पोस्ट भी डाली
*सीने में दर्द होने पर खुद गाड़ी में बैठकर अपोलो अस्पताल पहुंचे
(हरिप्रसाद शर्मा ) जयपुर:बाड़मेर-जैसलमेर के पूर्व सांसद और कद्दावर किसान नेता कर्नल सोनाराम चौधरी का दिल्ली में बुधवार रात्रि को निधन हो गया।कर्नल चौधरी बुधवार को दिल्ली के अपोलो अस्पताल के पास किसी मिटिंग में शामिल होने के लिए गए थे। इस दौरान उनके सीने में दर्द होने पर खुद गाड़ी में बैठकर अपोलो अस्पताल पहुंचे और वहां पर डॉक्टरों ने उन्हें भर्ती कर ऑपरेशन किया गया। इसके बाद उन्होंने बेटे डॉ. रमन चौधरी से बात की। सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल भी अस्पताल पहुंचे। इसके बाद कर्नल ने सोशल मीडिया पर खुद के स्वस्थ होने की पोस्ट भी डाली थी। लेकिन रात को करीब 11:15 बजे के आसपास उनका निधन हो गया। कर्नल मूलत: जैसलमेर जिले के मोहनगढ़ के रहने वाले हैं। आज उनका शव सुबह 11:30 बजे एयरबेस उत्तरलाई हवाई मार्ग से लाया जाएगा।इसके बाद बाड़मेर में उनके आवास पर एक घंटे तक अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। यहां से उनके पैतृक गांव मोहनगढ़ ले जाया जाएगा, वहां पर अंतिम संस्कार किया जाएगा। कर्नल सोनाराम चौधरी चार बार सांसद और एक बार बायतु विधायक रह चुके हैं। कर्नल के परिवार में उनकी पत्नी विमला चौधरी और एक पुत्र डॉ. रमन चौधरी है। कर्नल सोनाराम चौधरी एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज जोधपुर से बीई, फेलो (एफआईई) में स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी। 1966 में वे भारतीय सेना में शामिल हुए। सेना के अधिकारी के रूप में अपने 25 वर्षों तक सेवाएं दी। उन्होंने पूर्वी मोर्चे पर 1971 के युद्ध में भी योगदान दिया था। 1994 में सेना से सेवानिवृति ली और राजनीति में शामिल हो गए। वे 1996, 1998, 1999 और 2014 में बाड़मेर-जैसलमेर से सांसद रहे। 2014 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा ज्वाइन की थी और भाजपा उम्मीदवार के तौर पर सांसद बने थे। 2004 में वे मानवेंद्रसिंह जसोल के सामने चुनाव हारे थे।बायतु विधानसभा क्षेत्र से एक बार विधायक भी रहे थे। 2023 विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस से गुड़ामालानी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और वर्तमान राज्यमंत्री केके विश्नोई के सामने चुनाव हार गए। 14 अगस्त 2014 से प्राक्कलन समिति के सदस्य रहे। 1 सितम्बर 2014 से रक्षा संबंधी स्थायी समिति के सदस्य रहे। 3 सितम्बर 2014 से परामर्शदात्री समिति, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सदस्य रहे। 3 दिसम्बर 2014 से लोक सभा सदस्यों के साथ सरकारी अधिकारियों द्वारा प्रतिमान का उल्लंघन और अपमानपूर्ण व्यवहार संबंधी समिति के सदस्य रहे। 2 जून, 2016 से रक्षा पर संसद की स्थायी समिति, उप-समिति के सदस्य रहे।पूर्व सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी को राष्ट्रपति से विश्व सेवा पदक (वीएसएम), सेनाध्यक्ष चीफ की प्रशस्ति और चीफ ऑफ एयर स्टाफ से प्रशस्ति मिली थी।20 वर्षों से अधिक समय तक स्कूली शिक्षा और इंजीनियरिंग में स्नातक स्तर की पढ़ाई के दौरान शिक्षा और खेल में उत्कृष्ट कॅरियर था। इसके बाद, सशस्त्र बलों में 28 वर्षों तक राष्ट्रीय सुरक्षा और एकीकरण के लिए उत्कृष्ट सेवा की। चौधरी 1994 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद 1996 में पहली बार सांसद बने l