मधेपुरा :व्यवहार न्यायालय परिसर मे जिला एंव सत्र न्यायाधीश बलराम दुबे एवं डीएम , एसपी ने किया राष्ट्रीय लोक अदालत किया उद्घाटन।

Rakesh Gupta
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मधेपुरा व्यवहार न्यायालय परिसर मे जिला एंव सत्र न्यायाधीश बलराम दुबे व डीएम तरणजोत सिंह तथा एसपी संदीप सिंह ने किया राष्ट्रीय लोक अदालत का दीप प्रजवलित कर उद्घाटन किया गया है।न्यायाधीश श्री दुबे ने कहा लोक अदालत मे सभी मामलों का होता है निःशुल्क निष्पादन।

दरअसल मधेपुरा व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार के बैनर तले राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बलराम दूबे, डीएम तरनजोत सिंह, एसपी संदीप सिंह ने संयुक्त रूप से किया। वहीं इस कार्यक्रम के मौक़े पर जिला जज बलराम दूबे ने कहा कि लोक अदालत में लंबित मामलों का निस्तारण आपसी सहमति और बातचीत के आधार पर किया जाता है।

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लोक अदालत का उद्देश्य है कि छोटे-छोटे विवाद अदालतों में वर्षों तक लंबित न रहें बल्कि पक्षकार आपसी समझौते से शीघ्र न्याय प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि लोक अदालत द्वारा पारित निर्णय को सिविल कोर्ट के डिग्री की तरह वैधानिक मान्यता प्राप्त होगी। इतना ही नहीं, यदि किसी मामले में न्याय शुल्क जमा कर दिया गया है और उसका निस्तारण लोक अदालत में कर दिया जाता है तो वह शुल्क भी वापस कर दिया जाएगा।

जिला जज ने अधिक से अधिक लोगों से अपील की है कि वे इस अवसर का लाभ उठाते हुए अपने लंबित विवादों का निपटारा करें और वर्षों की कानूनी लड़ाई से मुक्ति पाएं। उन्होंने बताया कि अपराध संबंधी समझौता योग्य मामले, एनआई एक्ट की धारा 138 से संबंधित चेक बाउंस के मामले, बैंक ऋण वसूली विवाद, मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (MACT) के मामले, श्रम विवाद आदि मामलों का निष्पादन किया जाता है।

इसके साथ हीं किरायेदारी एवं रास्ता विवाद से जुड़े मामले और अन्य दीवानी मामलों का आपसी सहमति से निबटारा किया जाता है। जिला जज ने कहा कि लोक अदालत में हुए फैसले का कोई अपील नहीं होता है। इसमें किसी पक्ष की हार या जीत नहीं होती है।

वहीं डीएम तरनजोत सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत विवादों को सुलझाने का सरल तरीका है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव पूजा कुमारी साह ने अपने सम्बोधन मे कहा कि लोक अदालत परिसर में बातचीत और समझौते के आधार पर मामलों का त्वरित निस्तारण किया जाता है। लोक अदालत में बैंक और विभिन्न बीमा कंपनियों द्वारा स्टॉल लगाए हैं। इसके लिए 7 बेंच का गठन भी किया गया है।

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