अंकित सिंह (अररिया)भरगामा प्रखंड क्षेत्र के महथावा बाजार के समीप एक भव्य सार्वजनिक दुर्गा मंदिर है। जो 17 वर्ष पहले स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से बनाया गया है। इस मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है। श्रद्धालुओं की अटूट आस्था है कि यहां हर मन्नते पूरी होती है। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह कि यहां सांप्रदायिक सद्भाव का भी अटूट मिशाल देखने को मिलता है। पूजा महोत्सव में मुस्लिम समुदाय के लोग भी उत्साह के साथ भाग लेते हैं।
यहां शारदीय नवरात्र में नवयुवक संघ के द्वारा पहली पूजा से लेकर आखिरी पूजा तक नवाह संकीर्तन का भव्य आयोजन किया जाता है। आस्था व विश्वास के साथ नवरात्रि में पूजा-अर्चना के लिए क्षद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। बुजुर्गों के अनुसार 17 वर्ष पूर्व यहां झोपड़ीनुमा मिट्टी-एवं घास-फूस से निर्मित दुर्गा मंदिर की स्थापना कर पूजा का शुभारंभ किया गया था।
लेकिन मां की अपरंपार शक्ति की मुरीद हुए श्रद्धालुओं की आस्था इस मंदिर के प्रति दिन-प्रतिदिन बढ़ती गई। देवी की कृपा से समाज भी शांति एवं सदभाव के साथ प्रगति के पथ पर आगे बढ़ता गया। जिसका फलाफल है कि फूस का यह मंदिर आज भव्य स्वरूप ले चुका है। सामाजिक सहयोग से आज अररिया जिला के सबसे बड़े दुर्गा मंदिर के रूप में महथावा दुर्गा मंदिर को पहचाना जाता है। चर्चा है कि महथावा दुर्गा मंदिर ऐतिहासिक मंदिर है। जो अपने आप में एक विशेष स्थान रखता है। जानकारों के मुताबिक महथावा दुर्गा मंदिर में पिछले 17 वर्षों से प्रत्येक वर्ष मां की प्रतिमाएं स्थापित होती है।
बताया जाता है कि सिरसिया हनुमानगंज पंचायत के रामविलास भगत,कमल किशोर साह,गणेश दास ने इस मंदिर का आधारशिला रखा था। मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित हरेराम झा के अनुसार नवरात्रि के दौरान सप्तमी को मंदिर का पट खुलता है और महानिशा पूजा के साथ सप्तमी तिथि को पूजा का मुख्य अनुष्ठान शुरू हो जाती है। जबकि दसवीं को पूजन अनुष्ठान की समाप्ति पर महिलाओं के द्वारा अबीर-गुलाल खेल का आयोजन बड़े हीं भव्य तरीके से की जाती है और उसी दिन देर रात्रि को गाजे-बाजे के साथ स्थानीय राय टोला स्थित महादेव मंदिर पोखर में प्रतिमा विसर्जन कर दी जाती है।
इस दौरान आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में भक्तगण यहां पूजन कार्यक्रम में शामिल होने आते हैं।सालों भर होते रहते हैं धार्मिक अनुष्ठानवैसे तो इस मंदिर में सालों भर भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है। कोई न कोई विशेष धार्मिक अनुष्ठान होते रहते हैं। लेकिन यहां शारदीय नवरात्र के समय का दृश्य देखते हीं बनता है। यहां दुर्गा पूजा शास्त्र के अनुसार होती है और पुरोहित महथावा के हीं हरेराम झा होते हैं। नवरात्रि पूजा में यहां श्रद्धालुओं की भारी-भीड़ उमड़ती है। यहां दूर-दराज से श्रद्धालु मन्नतें मांगने आते हैं। मन्नतें पूरी होने पर श्रद्धा अनुसार लोग बढ़-चढ़ कर दान भी देते हैं।मंदिर की विशेषताएं इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह कि इस मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में सभी समुदाय के लोग पहुंचते हैं। यहां हर वर्ष पहली पूजा से लेकर दसवीं पूजा की संध्या तक भव्य भक्ति जागरण का आयोजन किया जाता है।
नवाह कमिटी के अध्यक्ष धीरेन्द्र कुमार दास के अनुसार इस वर्ष (2025) में 22 सितंबर से लेकर 02 अक्टूबर तक होने वाले भव्य जागरण कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध गायिका अमृता दीक्षित,श्यामा शैलजा झा,स्नेहा सरगम,प्रिया राज,नेहा सिंह यादव,आरोही झा,स्मृति सिंह,रूचि ठाकुर,आँचल चौधरी,सुपरहिट गायक दिलजीत लाल,नीरज सिंह,अमर आनंद,दिनेश दिवाना इन सभी कलाकारों का पदार्पण तय हुआ है। ये सभी मशहूर संगीतकार कलश स्थापना की संध्या से लेकर दसवीं की संध्या तक प्रत्येक दिन बारी-बारी से एक से बढ़कर एक भक्ति भजन की प्रस्तुति देंगे।