(हरिप्रसाद शर्मा) जयपुर:जयपुर के दूदू में फर्जी पट्टों के घोटाले की जांच रिपोर्ट सामने आने के बावजूद कार्रवाई नहीं की गई। जांच में घोटाला साबित हो चुका है, जिम्मेदारों के नाम भी दर्ज है, लेकिन न तो पट्टे रद्द किए गए और न ही जिम्मेदारों पर एक्शन हुआ। डेढ़ महीने पहले जांच कमेटी ने रिपोर्ट कलक्टर को सौप दी थी। अब तक न कलक्टर ने कदम उठाया और न ही स्वायत्त शासन विभाग ने।मार्च से मई 2023 के बीच दूदू पंचायत से नगर परिषद बनने की प्रक्रिया चल रही थी।
तत्कालीन सरपंच कमलेश चौधरी (नगर पालिका की सभापति रहीं) और पंचायतकर्मियों ने सरकारी जमीनों पर फर्जी पट्टे जारी कर दिए। ये पट्टे तत्कालीन सरपंच परिजन और रिश्तेदारों के नाम निकले। मौके पर बावरी जाति के लोगों के अलावा कोई पुराना मकान नहीं था और न ही बसावट। सिर्फ खाली जमीन और जमीन के चारों ओर बाउंड्रीवाल थी।कमेटी की रिपोर्ट विधिक टिप्पणी के पश्चात राज्य स्तर पर भेज दी है।
जैसे भी निर्देश प्राप्त होंगे, पालना की जाएगी।विनीता सिंह, एडीएम प्रथम*जांच में खुलासाजयपुर कलक्टर के निर्देश पर अतिरिक्त कलक्टर की अध्यक्षता में उप निदेशक क्षेत्रीय स्वायत्त शासन विभाग व अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद जयपुर को शामिल कर तीन सदस्यीय कमेटी ने जांच की। जांच में फर्जी पट्टों का स्कैम होना सामने आया।
सरपंच परिवार, जिनके नाम पट्टेनाम रिश्ता जारी पट्टेहरजीराम – बाली देवी जेठ–जेठानी 4 पट्टेनानूराम – शांति देवी जेठ–जेठानी 3 पट्टेकालूराम, हनुमान देवर 7 पट्टेरामफूल देवरानी 1 पट्टारमेश, सुरेश, मुकेश जेठ के पुत्र 3 पट्टेभंवरलाल, रुकमा देवी, जगदीश काका-ससुर, सास व उनका पुत्र 3 पट्टे