बिहार विधानसभा चुनाव-2025:बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhansabha Election 2025) की गहमागहमी के बीच सासाराम से RJD उम्मीदवार सत्येंद्र शाह की गिरफ्तारी ने राजद समर्थकों और महागठबंधन के कार्यकर्ताओं में हड़कंप मच गया है। नामांकन दाखिल करने के तुरंत बाद, झारखंड के एक पुराने मामले में ‘वांछित’ शाह को पुलिस ने हिरासत में लिया और झारखंड पुलिस को सौंप दिया गया है।
बिहार चुनाव में झामुमो ने चुनाव लड़ने से मना किया
हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झामुमो ने भी आज एक बड़ा ऐलान कर दिया। झामुमो ने कहा कि वह चुनाव नहीं लड़ेगी। इसके अलावा झामुमो ने ये भी कहा है कि वह कांग्रेस और राजद के साथ गठबंधन की ‘समीक्षा’ करेगी। बिहार चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर जारी गतिरोध के बीच झामुमो ने राजद और कांग्रेस पर ‘राजनीतिक साजिश’ का आरोप लगाया है।
RJD प्रत्याशी सत्येंद्र शाह क्यों हुए गिरफ्तार
RJD प्रत्याशी सत्येंद्र शाह की गिरफ्तारी का मुख्य कारण झारखंड के गढ़वा थाना में दर्ज एक पुराना और लंबित मामला बताया जा रहा है | पुलिस सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि सत्येंद्र शाह एक पुराने मामले में पहले से ही ‘वांछित’ चल रहे थे | नामांकन स्थल पर पहले से ही बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पुलिस को उनके आगमन की सूचना थी और गिरफ्तारी की योजना पूर्व में ही बना ली गई थी |
रोहतास पुलिस ने झारखंड पुलिस को सौंपा
गिरफ्तारी के बाद रोहतास पुलिस ने स्थानीय थाने में ले जाने के बजाय तुरंत उन्हें झारखंड पुलिस की टीम को सौंप दिया. जानकारी के अनुसार, झारखंड पुलिस की टीम उन्हें गढ़वा थाने से जुड़े कानूनी प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाने के लिए झारखंड ले गई है. इस तरह, एक चुनावी प्रत्याशी का अंतर्राज्यीय मामले में वांछित होना और नामांकन के ठीक बाद गिरफ्तार होना सासाराम की राजनीति को एक नया और अप्रत्याशित मोड़ दे दिया है. जिससे यह सीट अचानक सुर्खियों में आ गई है।
अपने उम्मीदवार की अचानक गिरफ्तारी से राजद समर्थकों और महागठबंधन के कार्यकर्ताओं में हड़कंप मच गया है। नामांकन प्रक्रिया की अंतिम घड़ी में प्रत्याशी का इस तरह वांछित होना, न केवल राजद की चुनावी रणनीति पर एक बड़ा झटका है। बल्कि यह क्षेत्र में महागठबंधन के अभियान को भी बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। अब पार्टी के सामने जल्द ही कोई वैकल्पिक कानूनी और राजनीतिक रास्ता खोजने की चुनौती है ताकि उनकी उम्मीदवारी पर कोई आंच न आए। नामांकन प्रक्रिया की अंतिम घड़ी में इस तरह की घटना RJD की चुनावी तैयारियों और रणनीति के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।