छपरा/ अबुल हसन:ऐ भाई, हम बात साफ-साफ कहिला। जे जवन फसल लगाई उहे न काटी। लगइहें गेहूं त धान कहां से काट लीहन। मतलब साफ बा जे विकास के काम करइले होई आ चाहे करावे खातिर कुछुओ कइले होई वोटवा ओकरे न मिली। यह बातें रविवार को नगरा चौक के पास एक दुकान में चुनाव पर चर्चा के दौरान तमन्ना आलम ने कही।
उनकी बातें सुन सुनील सिंह ने कहा कि किसान आफत झेल ताड़न। धान के फसल डूब गइल। कवनो नेता झांकियों मारे अइल हन। चितरंजन कुमार सिंह बोले नेता लोगन चुनाव सभा एवं रोड शो के खेले में व्यस्त बाड़न। मुस्ताक़ आलम ने कहा कि थोड़े बारिश ने सब धान के फसल बर्बाद हो गइल लेकिन कोनो नेता चाहे वोट लेवे वाला ना दिखल। ना कवनो नेता आइलन। इसपर मूसा कलीम ने कहा कि कतनो झंडा ढो लीजिए, जीत त पहले से तय है।
उनकी बातों का समर्थन नवाब अली ने किया और कहा कि भाई काम अतना भइल बा कि केहु काहे हराई। कपड़ा दुकानदार सोनू आलम थोड़ा मायूश दिखे। लेकिन, जोर देकर बोले कि ई सरकार बड़का-बड़का काम करवले ह। अब तोही बताव कि एकरो से बड़का काम होई का। इसी दुकान पर चाय पी रहे नगरा बाजार के शमशाद अली बोल पड़े हम किसान आफत में पड़े और आप लोग चुनाव की चर्चा और नेता वोट के लिए दौड़ लगा रहे हैं।
कादीपुर के दीपक कुमार ने उनकी बात का समर्थन किए और बोले कि केहु क फिकर है कि हमनी के फसल कइसे बची। अर्वा गांव के रेयाजुदीन और प्रकाश व मोनू सिंह ने कहा मय धान के पौधा डूब गइल बा। माड़-भात खाए भर भी अनाज निकली के ना कहल मुश्किल बा। मढ़ौरा के जुनैद अंसारी और बहुआरा के मनोज कुमार बोल उठे धान के रेड़ा से उपर तक पानी पहुंच गइल बा। अब रेड़ा सड़ जाई त मुआर न काटी पड़ी। अनाज त पैदा ना होई, मवेशी के चारा जरूर मिल जाई।
