जन जन की आस्था के सागर है भगवान श्री राम
(हरिप्रसाद शर्मा ) पुष्कर. अजमेर. धार्मिक नगरी पुष्कर में राम सखा आश्रम नव खंडिय तुलसी मानस हनुमान मंदिर में पीठाधीश्वर महंत स्वामी राम स्वरूप महाराज की 8 वीं पुण्य स्मृति महोत्सव पर आयोजित संगीतमय श्री राम कथा के चतुर्थ दिवस पर गुरूवार को भगवान श्री राम जानकी विवाह धूम धाम से हुआ।
कथावाचक आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी नन्द राम शरण महाराज ने श्रोताओं को कहा कि भगवान से राम की बाल लीलाओं को देखने स्वयं भगवान भी धरती पर आये ।भगवान ने आम सामाजिक जीवन की तरह जीवन जीया । भगवान ने सांसारिक जीवन अनुरूप भगवान श्री राम बाल्यकाल में अध्ययन करने हेतु गुरुकुल में गए और अल्प समय में ही ज्ञान प्राप्ति की । श्री राम की कथा तो जीवन में धारण करने के लिए भगवान श्री राम से जुड़े ,प्रत्येक पात्र हमें कुछ न कुछ सिखाते है।
उन्होंने कहा कि हर घर में राम की कथा होनी चाहिए, क्योंकि भगवान श्री राम की कथा तो भव सागर से पार करती है ।
कथा में प्रसंग में यह बताया कि भगवान श्री राम तो छोटे से छोटे मनुष्य को भी गले से लगाया ओर सबका कल्याण किया । जिसके कारण ही तो भगवान श्री राम जन जन की आस्था का केंद्र हुए ।
कथा चतुर्थ दिवस की कथा पर, श्री राम का अध्ययन हेतु गुरुकुल गमन, मुनि विश्वामित्र द्वारा यज्ञ की रक्षा हेतु वन में ले जाना, जनक पुर राम लक्ष्मण ओर परशुराम संवाद, परशुराम का क्रोध,भगवान श्री राम जानकी विवाह,
के सुंदर प्रसंगों वर्णन किया ।
कथा के यजमान गौरव मित्तल दिल्ली थे । कथा श्रवण हेतु पूर्व पालिका अध्यक्ष दामोदर शर्मा, क्रान्ति कुमार पाराशर, पूर्व पालिका अध्यक्ष सूरज नारायण पाराशर, पूर्व पार्षद टीकम शर्मा, गोविंद पाराशर, विजय करण चौधरी दिलवाड़ा, रामदेव चौधरी दिलवाड़ा,श्रीकुमार भारद्वाज, राकेश भट्ट, इत्यादि भक्त उपस्थित रहे।
