अग्रहरि समाज ने मारवाडी बिरादरी द्वारा बनिया अग्रहरि वैश्य जाति में समाहित करने के प्रस्ताव का किया विरोध

Rakesh Gupta

पटना :बिहार सरकार को मारवाडी समाज के एक प्रतिनिधिमंडल ने बिहार सचिवालय में ज्ञापन देकर बनिया अग्रहरि वैश्य जाति के अन्तर्गत मारवाडी समाज को शामिल करने का आवेदन दिया है। इस प्रस्ताव का अग्रहरि समाज ने सरकार को पत्र लिखकर विरोध जताया है।

 

बिहार अग्रहरि समाज के महासचिव गणेश अग्रहरि ने कहा कि बिहार सरकार ने अग्रहरि वैश्य को आरक्षण हेतु अन्य पिछड़े वर्गों (ओ०बी०सी०) की सूची (अनुसूची-2) के कमांक-20 में बनिया जाति में उप जाति ‘अग्रहरि वैश्य में अधिसूचित किया है। मारवाडी समाज के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधान सचिव सामान्य प्रशासन विभाग, बिहार सचिवालय में ज्ञापन देकर बनिया अग्रहरि वैश्य जाति के अन्तर्गत मारवाडी समाज को शामिल करने का आवेदन दिया है, जिससे बिहार प्रदेश में शुरू हो रही जाति आधारित जनगणना में मारवाडी समाज को अग्रहरि वैश्य के नाम से दर्ज कराकर आरक्षण का लाभ लेने का प्रयास किया है।

 

इस सन्दर्भ में गणेश अग्रहरि ने सरकार को सूचित किया है कि बिहार निवासी अग्रहरि वैश्य मारवाड़ी समाज से बिल्कुल अलग है और हमारा मारवाड़ी समाज के रीति रिवाज, रहन-सहन, शादी-विवाह, परम्परा और वंशानुकम का कोई मेल नहीं है अर्थात दूर-दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं है। अग्रहरि वैश्य देशज बनिया है जो यहां की मिट्टी में पुरातन काल से उत्पन्न है और शैक्षणिक तथा आर्थिक दृष्टि से बहुत ही दबे कुचले है, इसलिये बिहार सरकार ने इनकी बदहाली को दूर करने के प्रयास के तौर पर संसाधन के लिये अवसर देने के लिये पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित किया है और अग्रहरि वैश्य स्वतंत्र जाति है हमारी जाति 1 का कोई दूसरा प्रतिरूप पूरे देश में नहीं है, जबकि मारवाड़ी वैश्य कोई जाति नहीं बल्कि विभिन्न जातियों / गोत्रों का समूह है, जो मुख्यतः राजस्थान पश्चिम उत्तर प्रदेश, हरियाणा इत्यादि स्थानों से आये है, जबकि मारवाडी अति सम्पन्न अति शिक्षित, साधन सम्पन्न जाति है, इनकी सम्पन्नता के कारण इनके मूल उद्गम स्थान में कही भी पिछड़ा नहीं माना जाता है।

 

अति सम्पन्न होने के बावजूद पिछड़ा वर्ग को शासन द्वारा दिये जाने वाले लाभ के लिये लालायित होकर अग्रहरि वैश्य जाति में सम्मिलित होने का प्रयास कर रहे है।मारवाड़ी समाज के इस अनैतिक प्रयास का अग्रहरि वैश्य जाति घोर विरोध करती है और बिहार सरकार से अग्रहरि वैश्य जाति को संरक्षण देते हुये मारवाडी समाज के आवेदन को अस्वाभाविक और असंवैधानिक मानते हुये अस्वीकार करने का आग्रह करती है, जिससे की केवल अग्रहरि वैश्य जाति के वास्तविक उम्मीदवारों को संविधान प्रदत्त आरक्षण का लाभ मिल सकें। 5. यह बहुत जरूरी है कि बिहार सरकार-शासन स्तर से यह सुनिश्चित करने की कृपा करें कि मारवाडी समाज के लोग गणना कर्मियों को अपनी वास्तविक जाति ही बताये। अग्रहरि वैश्य नहीं दर्ज करा पायें ।

केंद्रीय अग्रहरि समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष विदुप अग्रहरि ,महामंत्री कुलभास्कर अग्रहरि ,अनिरुद्ध गुप्ता,बिहार अग्रहरि समाज के संरक्षक शमशेर सिंह अग्रहरि,ओमप्रकाश अग्रहरि,प्रदेश अध्यक्ष राकेश रंजन सहित सभी पदाधिकारी ने घोर विरोध जताया है।

Share This Article