नेपाल: दिल दहला देने वाले विमान हादसे में 5 भारतीय की गई जान

Rakesh Gupta
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बिहार न्यूज़ लाइव /15 जनवरी को जब देश मकरसंक्रांति का उत्सव मना रहा था उसी समय नेपाल में दिल को दहला देने वाला विमान हादसा हुआ. आपको बता दें कि नेपाल में 15 जनवरी को एक यात्री विमान पोखरा एयरपोर्ट पर उतरते समय नदी घाटी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे में अब तक कम से कम 68 लोगों की मौत हो गई है. इस विमान में पांच भारतीय नागरिकों समेत 72 लोग सवार थे. नेपाल के नगर विमानन प्राधिकरण ने बताया कि ये विमान यति एयरलाइन का था. विमान ने सुबह 10 बजकर 33 मिनट पर काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी. लेकिन पोखरा एयरपोर्ट पर उतरते वक्त विमान पुराने एयरपोर्ट और नए एयरपोर्ट के बीच सेती नदी के तट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हृदय विदारक घटना से भारतीय भी मर्माहत हैं. इस घटना पर पीएम मोदी ने संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि नेपाल में दुखद हवाई दुर्घटना से आहत हूं. इस हादसे में भारतीय नागरिकों सहित कई लोगों की जान चली गई. उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं.

 

वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी इस घटना पर दुख जताया है.  उन्होंने कहा कि जिन पीड़ितों ने इस हादसे में अपनी जान गंवाई है उन सभी के परिवारों के साथ उनकी संवेदनाएं हैं. उन्होंने कहा कि ईश्वर उन सब पीड़ित परिवारों को शक्ति और साहस दे. वैसे काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास पोखरा विमान हादसे में मारे गए भारतीय नागरिकों के परिजनों के साथ संपर्क में है. फिलहाल दुर्घटनास्थल से निकाले गए शवों के पहचान की कवायद चल रही है. इसके बाद ही पार्थिव शरीर भेजने के संबंध में आगे की कोई प्रक्रिया तय होगी. खबरों के अनुसार नेपाल प्लेन हादसे में मारे गए लोगों की डीएनए सैंपलिंग की जाएगी.

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दरअसल रिकवर किए गये जिन शवों को पहचाना मुमकिन नहीं है, नेपाल सरकार उन शवों की डीएनए सैंपलिंग कराने जा रही है. वैसे यह घटना क्यूं हुआ इसकी जांच की जा रही है. सूत्रों के अनुसार पोखरा में दुर्घटनाग्रस्त हुए यती एयरलाइंस के विमान ने रनवे से 24.5 किलोमीटर की दूरी तक आने के बाद अपना लैंडिंग पैड बदल लिया. अधिकारियों के मुताबिक कप्तान कमल केसी के नेतृत्व में विमान को उतरने की अनुमति दी जा चुकी थी. तब तक विमान और इसकी उड़ान में कोई समस्या नहीं देखी गई.

 

लेकिन फिर अचानक विमान के पायलट ने एटीसी से कहा कि मैं अपना निर्णय बदल रहा हूं. अधिकारी के मुताबिक पायलट को रनवे 30 पर उतरने की अनुमति दी गई थी लेकिन उन्होंने रनवे-12 पर उतरने की अनुमति मांगी. जिसकी अनुमति मिल गयी लेकिन इसके बाद विमान दुर्घटना ग्रस्त हो गया. ऐसे में कई सवाल हैं जिसकी जांच होने के बाद यह पता चलेगा कि आखिर यह दुर्घटना क्यूं हुआ. बता दें कि काठमांडू और पोखरा के बीच उड़ान का समय 25 मिनट है और इससे कम में ही कई जिंदगी मौत के मुंह में समा गई. हमारी संवेदनाएं भी पीड़ित परिवार के साथ है.

 

 

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