मधेपुरा। वानिकी योजना से बुधामा माइनर पर लगभग 12 सौ लगाए जा चुके पेड़,कार्य तेजी से जारी

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By C.K.JHA
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 🔴 बुधामा माइनर पर वृक्षारोपण कार्य तेजी से जारी।

रिपोर्ट: सी.के.झा / मधेपुरा।

बिहार सरकार ने जल जीवन हरियाली योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री कृषि वानिकी योजना की तरह वन विभाग को भी  वानिकी योजना के तहत वनारोपण का  कार्य प्रारंभ करने का आदेश दिया है।
इसी संदर्भ में मधेपुरा जिला के वनों के उदाकिशुनगंज प्रक्षेत्र में वनरोपन के लिए  आदेश दिया गया है। 

मालूम हो कि 2023-2024 में उदाकिशुनगंज वन के क्षेत्र पदाधिकारी नीरज सिंह की ओर से उदाकिशुनगंज वनपाल पल्लवी कुमारी के नाम आदेश पत्र संख्या-23 दिनांक-25/01/2024 जारी किया गया है। जिसमें चिरौरी नहर,बेलदौर उप शाखा नहर,रेशना माइनर और बुधमा माइनर के लिए वन रोपण हेतु आदेश सन्निहित है।

जिसमें चिरौरी नहर में 8 किलोमीटर तथा शेष में 7-7 किलोमीटर वनरोपण कार्य प्रारंभ है। उक्त सभी स्थलों में क्रमशः पीट की संख्या -1000,3000,1000,2000  तथा बड़ा माउन्ट की संख्या – 5000,6000, 5000, 5000, कुल-6000,9000,6000,7000 रोपित पौधे की संख्या योजना में कार्यादेश किया गया है। जिसे जल्द पूरा करने का भी  निर्देश दिया गया है।

🔴 वनपाल पल्लवी कुमारी कहती हैं:

इधर वन रोपण के संबंध में वनपाल पल्लवी कुमारी पत्रकारों के सवाल के जबाब में बताती है कि नहरों के बगल में वनरोपण कार्य तेजी से चल रहा है। करीब-करीब  माउन्ट बनाया जा चुका है। पौधारोपण तेजी से जारी है जल्द कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी वर्तमान में बुधामा माइनर पर वृक्षारोपण जारी है। लगभग 1200 बरगद,महुआ,महोगनी, जामुन आदि वृक्ष इस माइनर पर लगाया जा चुका है शेष वृक्षारोपण कार्य जल्द पूर्ण कर लिया जाएगा। 

🔴 मवेशी पालकों हेतु आवश्यक निर्देश:

इधर मवेशी पालकों से उन्होंने शख्त लहजे में कहा है कि पौधे और माइनर को बचाकर ही मवेशी को चराने हेतु मवेशी पालक मवेशी को ले जाए। नहीं तो पौधे को नुक्सान किए जाने की स्थिति में अथवा तोड़े और उखाड़े जाने की स्थिति में सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि वनरोपण से जहां पर्यावरण का संरक्षण होगा वहीं पक्षी,प्रवासी पक्षी और जंगली जानवरों का यह पनाहगार भी साबित होगा। जो पर्यावरण संतुलन हेतु जरूरी ही नहीं अतिआवश्यक भी है।

बताते चलें कि मुख्यमंत्री कृषि वानिकी योजना राज्य में वृक्षारोपण करके पर्यावरण और जलवायु को सुरक्षित करने के साथ-साथ किसानों की आय में वृद्धि करने के लक्ष्य से प्रदेश में लागू की गई है।जहां राज्य सरकार द्वारा किसानों को वृक्षारोपण करने के लिए हर तरह की सहायता प्रदान की जा रही है।

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