*(हरिप्रसाद शर्मा) अजमेर: शहर में बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने एक और घुसपैठिए को डिटेन किया है। यह 18वीं कार्रवाई है, जो लगातार चल रहे अभियान की अहम कड़ी है। अब तक दरगाह व उसके आसपास के क्षेत्रों से कुल 43 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा जा चुका है। पुलिस के अनुसार ये लोग अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर यहां रह रहे थे और मजदूरी कर जीवनयापन कर रहे थे।अजमेर दरगाह क्षेत्र में घुसपैठियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एडिशनल एसपी सिटी हिमांशु जांगिड़ के नेतृत्व में एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
इस अभियान में दरगाह थानाधिकारी दिनेश कुमार जीवनानी, गंज थाना पुलिस, सीआईडी जोन और अन्य विभागों की संयुक्त टीम को शामिल किया गया है। टीम की कमान दरगाह सीओ लक्ष्मणराम के हाथ में है। इस टीम ने दरगाह बाजार, जालियान कब्रिस्तान, अन्दरकोट, नई सड़क, तारागढ़ की पहाड़ी, सिलावट मोहल्ला, बड़े पीर का चिल्ला, लंगरखाना गली, चश्मा ए नूर तारागढ़ और त्रिपोलिया गेट क्षेत्र में सघन तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान करीब 15 से 20 संदिग्ध व्यक्तियों को पूछताछ के लिए डिटेन किया जा चुका है।
पूछताछ के दौरान सिलावट मोहल्ला में घूमते एक युवक की भाषा व उच्चारण को लेकर पुलिस को शक हुआ। गहन पूछताछ करने पर उसने अपना नाम मोहम्मद सिद्दिकी (उम्र 39) पुत्र अब्बु हुसैन बताया और कहा कि वह बांग्लादेश के चिटोंग जिले के कल्लू का मोहल्ला बर्खापन का निवासी है। उसने बताया कि वह दर्शाना बॉर्डर से अवैध तरीके से भारत में दाखिल हुआ और पहले पश्चिम बंगाल में कुछ समय रहा।
वहां से वह अजमेर पहुंच गया और दरगाह क्षेत्र में मजदूरी करने लगा। इसके अलावा वह फकीरों के साथ नशा भी करने लगा था।पुलिस अब मोहम्मद सिद्दिकी के खिलाफ विधिक प्रक्रिया के तहत निष्कासन (डिपोर्टेशन) की कार्रवाई कर रही है। साथ ही अन्य संदिग्धों से पूछताछ का सिलसिला भी जारी है। सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इस तरह के अभियान से अवैध घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर निकाले जाने की प्रक्रिया को तेज किया जा रहा है।