आमजन में असुरक्षा की भावना गहराने लगी*अवैध बिक्री से क्षेत्र में असामाजिक तत्वों की आवाजाही
(हरिप्रसाद शर्मा) अजमेर: अजमेर जिले में जिला पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा द्वारा जारी किए गए सख्त निर्देशों का शराब ठेकेदारों पर कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है। हालात ऐसे हैं कि रात 8 बजे के बाद भी शहर के विभिन्न थाना क्षेत्रों में खुलेआम शराब बेची जा रही है। इससे न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि एसपी के आदेशों की गंभीर अनदेखी भी सामने आ रही है।
नगरा क्षेत्र में जारी है बिक्रीअलवर गेट थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नगरा इलाके में रेलवे लोको के पास स्थित शराब के ठेके पर देर रात तक धड़ल्ले से शराब बेची जा रही है। स्थानीय लोगों के अनुसार, ठेके पर रात 10 बजे तक भी ग्राहकों की आवाजाही देखी जाती है, लेकिन पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होती। इस अवैध बिक्री से क्षेत्र में असामाजिक तत्वों की आवाजाही भी बढ़ गई है, जिससे आमजन में असुरक्षा की भावना गहराने लगी है।
*गंज क्षेत्र में उड़ रही आदेशों की धज्जियांकोतवाली थाना क्षेत्र के गंज इलाके में कांजी हाउस के पास स्थित शराब ठेके पर भी नियमों की खुलेआम अनदेखी हो रही है। हाल ही में वायरल हुए एक वीडियो में रात 8 बजे के बाद भी शराब की बिक्री होती स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। वीडियो में ग्राहकों की भीड़ और लेन-देन की स्थिति साफ नजर आती है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि या तो स्थानीय पुलिस को जानकारी नहीं है या जानबूझकर अनदेखी की जा रही है।
क्लॉक टॉवर थाना क्षेत्र में भी वही हालातक्लॉक टॉवर थाना क्षेत्र के पड़ाव स्थित गोवा वाइंस शॉप का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें दुकान का सेल्समैन अर्धनग्न अवस्था में एक छोटी खिड़की से ग्राहक को बियर का कैन देता दिखाई दे रहा है। यह घटना भी देर रात की है।*पुलिस प्रशासन पर उठ रहे सवालकुछ दिन पूर्व एसपी वंदिता राणा ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि रात 8 बजे के बाद शराब की बिक्री पूर्णतः प्रतिबंधित होगी और उल्लंघन की स्थिति में संबंधित थाना प्रभारी जिम्मेदार होंगे।
लेकिन, वर्तमान स्थिति इन आदेशों की धज्जियां उड़ने की गवाही दे रही है। ठेकेदारों में पुलिस का कोई खौफ नजर नहीं आ रहा है। *लोगों में आक्रोश, कार्रवाई की मांगइन अवैध गतिविधियों से आम नागरिकों में भारी रोष है। लोगों का कहना है कि प्रशासन सिर्फ कागजी आदेश जारी कर इतिश्री कर लेता है, लेकिन उन आदेशों की पालन में पूरी तरह असफल हो रहा है। कई सामाजिक संगठनों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है और सख्त कार्रवाई की मांग की है।