अररिया:छठ घाटों की सफाई अंतिम चरण में,सुंदर दिखने लगे घाट

Rakesh Gupta
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।अंकित सिंह,भरगामा (अररिया):छठ महापर्व को लेकर गांव के युवाओं ने घाट की साफ-सफाई का बीड़ा उठाया है। लछहा नदी के किनारे जमा कचरा,झाड़-झंखाड़,घास-पात और गाद को हटाने का काम तेजी से चल रहा है,ताकि व्रती महिलाओं को स्नान,अर्घ्यदान और पूजा-अर्चना में किसी प्रकार की परेशानी न हो। गांव के युवा गुड्डू सिंह,बाबूल सिंह,राजू कुंवर,मनीष तोमर,कुंदन कुंवर,मदनमोहन कुंवर,अंकित सोलंकी,करण सिंह,नवनीत सिंह सहित अन्य कई युवाओं ने मिलकर इस सफाई अभियान की शुरुआत की।

युवाओं ने बताया कि छठ व्रत बिहार की पहचान और आस्था का प्रतीक है। ऐसे में घाट की स्वच्छता और सौंदर्यीकरण हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है। उनका कहना है कि हर साल की तरह इस बार भी शंकरपुर गांव स्थित लछहा नदी के घाट पर भारी संख्या में श्रद्धालु व्रती पहुंचेंगे,इसलिए सभी लोग मिलकर साफ-सफाई के साथ-साथ सजावट की भी तैयारी कर रहे हैं।

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गुड्डू सिंह ने बताया कि छठ महापर्व लोक आस्था का सबसे बड़ा पर्व है। इसमें सूर्योदय और सूर्यास्त के समय भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया जाता है। स्वच्छ घाट पर पूजा करने में व्रती महिलाओं को सुविधा होगी। इसीलिए हम सभी साथी मिलकर सफाई अभियान में जुटे हैं। कुंदन कुंवर ने कहा कि इसबार घाट को आकर्षक ढंग से सजाया जाएगा। रंग-बिरंगी झालरों,फूलों और दीपों से घाट को रोशन करने की योजना बनाई जा रही है। स्थानीय ग्रामीणों ने भी युवाओं के इस प्रयास की सराहना की है। उन्होंने कहा कि युवाओं की इस पहल से पूरे गांव में छठ की उमंग और भक्ति का माहौल बन गया है।

राजू और श्रवण ने बताया कि सफाई के साथ-साथ गांव के लोग छठ व्रती महिलाओं के लिए मिट्टी के घाट बनाने,पूजा स्थल पर बालू बिछाने और घाट तक पहुंचने वाले रास्तों की मरम्मत का कार्य अंतिम चरणों में है।

ग्रामीणों का कहना है कि हर वर्ष की तुलना में इस बार तैयारी अधिक सघन और व्यवस्थित ढंग से की जा रही है। छठ घाट के सौन्दर्यीकरण को लेकर सभी आवश्यक तैयारी जारी है,घाट की साफ-सफाई समेत रोशनी की व्यवस्था,अस्थाई चेंजिंग रूम आदि के लिए बांस बल्ले लगाये जा रहे हैं,जिसके कारण माहौल उत्सवी बना हुआ है। बता दें कि छठ महापर्व को लेकर पूरे भरगामा प्रखंड क्षेत्रों में उल्लास का माहौल है। महिलाएं गीतों की स्वर लहरियों से वातावरण को भक्तिमय बना रही है। हर ओर से केलवा के पात पर,उगले सूरज देव जैसे पारंपरिक छठ गीत गूंज रहे हैं।

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