अंकित सिंह,भरगामा(अररिया) राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की सुविधाएं एक हीं स्थान पर उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से भरगामा प्रखंड क्षेत्र के खुटहा बैजनाथपुर पंचायत में पंचायत सरकार भवन बनाया गया है और वहां सभी विभागों के कर्मियों की भी तैनाती हो चुकी है। लेकिन फिलहाल स्थानीय ग्रामीणों को उपरोक्त कार्यालय से कोई लाभ नहीं मिल रहा है,क्यूंकि उपरोक्त कार्यालय में रोस्टर के अनुसार नियमित कर्मी नहीं बैठते हैं।
लोगों का कहना है कि उपरोक्त कर्मियों का सालों में एक-दो दिन भी दर्शन हो जाए तो गनीमत है। नतीजतन स्थानीय लोगों को जाति,आय,निवास,पेंशन,राशन कार्ड,जन्म-मृत्यु आदि का कार्यों के लिए करीब 20 किलोमीटर दूर प्रखंड मुख्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है। ऐसे में स्थानीय ग्रामीणों को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण मंटू दास उमेश दास,प्रमोद यादव,किशोरी महतो व अन्य ने कहा कि सरकार भवन में पंचायत सचिव,राजस्व कर्मचारी,पीएम आवास सहायक,विकास मित्र,तकनिकी सहायक,कार्यपालक सहायक,लेखापाल,किसान सलाहकार,पीआरएस,कचहरी सचिव मुखिया,सरपंच समेत अन्य कर्मियों का अलग-अलग कार्यालय बना हुआ है। वहीं बगल में अलग से आरटीपीएस कार्यालय भी बना हुआ है।
जहां से कई तरह के ऑनलाइन कामों का निपटारा आसानी से किया जा सकता है। लेकिन,कर्मियों व जनप्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों की उपेक्षा व मनमानी से उपरोक्त कार्यालय लक्ष्य से कोसों दूर है। ग्रामीणों की इसी शिकायत पर बिहार जागरण की टीम ने 10 जून 2025 को कार्यालय समय में 11 बजकर 6 मिनट पर खुटहा बैजनाथपुर पंचायत सरकार भवन के विभिन्न कार्यालयों का स्थिति एवं कर्मियों का कार्य करने का तरीका को समझने और ग्रामीणों का दर्द और परेशानी जानने के लिए ग्राउंड (जीरो) पर पहुंचा तो पंचायत सरकार भवन का मेन गेट खुला हुआ था,लेकिन अंदर घुसने के बाद उपरोक्त सभी कार्यालय में ताला बंद दिखा। इस पंचायत सरकार भवन के अंदर एवं बाहर कचरे का अंबार लगा हुआ दिखा।
उपस्थित लोगों का कहना था कि इस भवन की हालत दिन प्रतिदिन खराब हीं होती जा रही है,मगर संबंधित विभाग के जिम्मेदार अधिकारी पुनः इस भवन को क्रियाशील अवस्था में लाने की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। वर्तमान में यह स्थिति यह है कि वर्षों से शौचालय जाम पड़ा हुआ है,लोगों को पीने के लिए शुद्ध पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है। उपरोक्त कार्यालय के अंदर और बाहर का रंग रोगन खराब हो चुका है,भवन के अगल-बगल बड़ी-बड़ी झाड़ियां निकल गई है,भवन पर कार्यालय का नाम तक नहीं लिखा हुआ है। कार्यालय के अंदर कर्मियों एवं ग्रामीणों को बैठने के लिए कुर्सी,टेबल तक नहीं है। ग्रामीणों का कार्य करने के लिए कर्मियों के पास आवश्यक उपकरण कम्प्यूटर,प्रिंटर,इंटरनेट आदि भी उपलब्ध नहीं है। इतनी भीषण गर्मी में एक पंखा तक नहीं है। यहां प्रतिनियुक्त कर्मियों का बैठने का समय का रोस्टर भी नहीं दिखा।
वहीं विभिन्न समस्याओं का समाधान हेतू परिसर में उपस्थित स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि हमलोग कई दिनों से ऑफिस समय में इस कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं,लेकिन इस कार्यालय में पदस्थापित कर्मियों का आने और जाने का समय पता नहीं चल पा रहा है,जब भी यहां आते हैं तो उपरोक्त सभी कार्यालय में ताला लगा हुआ हीं रहता है,वहीं आरटीपीएस कार्यालय में पदस्थापित कार्यपालक सहायक भी अपने ड्यूटी पर उपस्थित नहीं मिलते हैं,कि लोग आरटीपीएस काउंटर से मिलने वाले विभिन्न प्रकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले सके। इस संबंध में बीपीआरओ शशि रंजन कुमार ने बताया कि मामले की जांचकर कर्तव्यहीनता कर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेंगे।