अंकित सिंह,भरगामा (अररिया):पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता की अध्यक्षता में विगत 01 अक्टूबर (बुधवार) को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अनेकों गावों में विवाह भवन का शिलान्यास किया गया है। इसी दौरान भरगामा प्रखंड क्षेत्र के कुसमौल पंचायत के वार्ड संख्या 07 स्थित शंकरपुर सीमा के समीप विवाह भवन का शिलान्यास समारोह में नरपतगंज विधायक जयप्रकाश यादव कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे थे,जहां कुसमौल पंचायत के वार्ड संख्या 09 निवासी अरविन्द झा,परमानंद झा,नरेश झा,गोकुलनाथ झा,महेश झा आदि ने विधायक को शिलान्यास करने से रोक दिया।
उपरोक्त लोगों का कहना था कि जिस जमीन पर विवाह भवन निर्माण कार्य का शिलान्यास किया जा रहा है वह जमीन उनलोगों की पुश्तैनी जमीन है,जिसे धोखे से वर्ष 1960 में बिहार सरकार के नाम कर दिया गया है। जानकारी देते हुए अरविन्द झा ने बताया कि जिस जमीन पर विवाह भवन निर्माण के लिए शिलान्यास किया गया है उस जमीन पर न्यायालय में करीब दो वर्षों से टाइटल सूट केस चल रहा है। इसके बाबजूद भी जबरदस्ती विवाह भवन निर्माण के लिए शिलान्यास किया जा रहा था।
इसी बात का विरोध में सभी हिस्सेदार ने एकजुट होकर शिलान्यास कार्यक्रम को रोका। जिसके बाद विधायक जयप्रकाश यादव के द्वारा कारण पृच्छा की गई तो इसके जवाब में सभी हिस्सेदारों ने उक्त जमीन से संबंधित आवश्यक दस्तावेज विधायक के सामने प्रस्तुत किया। जिसके बाद विधायक ने जमींदारों को आश्वासन दिया कि जबतक न्यायालय का फैसला नहीं आएगा तबतक कार्य प्रारंभ नहीं किया जायेगा।
विधायक का इस आश्वासन पर जमींदारों ने विवाह भवन शिलान्यास कार्यक्रम को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न करवाया। इधर सीओ निरंजन कुमार मिश्र का कहना है कि जिस जमीन पर विवाह भवन निर्माण कार्य के लिए शिलान्यास किया गया है वह जमीन विवादित है,उस जमीन पर न्यायालय में मामला विचाराधीन है,इसलिए अंचल कार्यालय से एनओसी निर्गत नहीं किया गया है। वहीं इस मामले को लेकर विधायक जयप्रकाश यादव से बात करने की कोशिश की गई,लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।
